इस कॉलोनी से होली की रौनक गायब है। यहां डॉक्टरों की टीम और निगम कर्मी नजर आते हैं। कई घरों में ताला लटका है, क्योंकि पूरा परिवार अस्पताल में हैं। जो स्वस्थ हैं, वे अपने गांव या रिश्तेदार के यहां जा चुके हैं।
15 साल से निगम में, लेकिन गांव से बदतर व्यवस्था: संकल्प फेस-2 कॉलोनी करीब 15 साल से निगम में शामिल हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के नाम पर यह गांव से भी बदतर है। यहां पानी की टंकी नहीं है। निकासी के लिए नालियां और सीवरेज के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं है। घरों का गंदा पानी कॉलोनी के गेट के पास सड़क के दूसरी तरफ नालियों में भर जाता है।
पाइप लाइन से सप्लाई होती तो ये दिन नहीं देखना पड़ता: कॉलोनी वासियों का कहना है कि निगम में शामिल होने के बाद वार्ड में दो पार्षद रह चुके हैं, लेकिन किसी ने भी नल के पाइप लाइन से गांव व कॉलोनियों को नहीं जोड़ा है। इसके चलते टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। अगर यहां पर टंकी से पानी की सप्लाई होती, तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। अभी यहां दो टैंकर स्थायी रूप से रख दिया गया है।
महापौर ने पूछा हालचाल दोपहर को महापौर एजाज ढेबर प्रभावित कॉलोनी में पुहंचे। इस दौरान उन्होंने रहवासियों से हालचाल जाना और अस्थायी अस्पताल में सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान महापौर ने कहा कि पहले ग्राम पंचायत में होने के कारण इस क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो पाया है। निगम में शामिल होने के बाद पानी टंकी का निर्माण कार्य किया गया है।