जानकारी के मुताबिक कांगेर घाटी नेशनल पार्क के कोलेंग इलाके में काचीरास से लेंटाना उम्मूलन कार्य के दौरान भारी भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। नेशनल पार्क की पीड़ित ग्रामीण सोनारू मरकाम के मुताबिक कोलेंग वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 333 में लेंटाना उन्मूलन कार्य के नाम पर 50 से अधिक ग्रामीणों के खाते में अलग-अलग किस्तों के पैसे बिना काम के बाउचर बनाकर डाले गए थे।
इस मामले में ग्रामीणों ने बीते 3 सालों से कोई काम नहीं करने और उनके खाते में पैसे डाले जाने की बात को स्वीकार किया। पैसे को कुछ दिन बाद ग्रामीण के खाते से निकलकर खुद अधिकारी डकार लिए थे। मामले की खुलासा के बाद विभाग में हड़कंप मचा और भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच किया गया। जांच में रेंजर और डिप्टी रेंजर पूरी तरह से दोषी पाए गए हैं। फिलहाल रेंजर की जांच जारी है। बताया यह जा रहा है कि इस घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले में वन परिक्षेत्र के निचले कर्मचारी से लेकर बड़े स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
मामले की शिकायत के बाद एसडीओ को जांच के लिए भेजा गया था. विभागीय जांच में कोलेंग वन परिक्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर दोषी पाए गए। आगे की कार्यवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक को लेख किया गया है।
– गणवीर धम्मशील, डीएफओ
करंट से मजदूर की मौत, ठेकेदार-मकान मालिक पर मुकदमा जगदलपुर। करपावंड इलाके में 20 अक्टूबर को छत ढलाई के दौरान वाइब्रेटर मशीन चलाते हुए सुदर बघेल नामक मजदूर की करंट की चपेट में आकर मौत हो गई थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले में जांच शुरू कर की थी। पुलिस की जांच में पता चला कि सुदर की मौत का कारण मकान का निर्माण करवा रहे मालिक और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से हुई है। इसके अलावा पीएम रिपोर्ट में भी सुदर की मौत का कारण करंट लगना होना पाया गया। पुलिस की जांच में पता चला कि मकान मालिक गिरधारी पटेल द्वारा मकान निर्माण से संबंधित समस्त वस्तुओं को उपलब्ध कराई गई थी व ठेकेदार कवल कश्यप के द्वारा मात्र लेबर से संबंधित व्यवस्था कराई गई थी। मकान निर्माण कार्य में सुरक्षा उपायों का पालन न कर लापरवाही पूर्वक कार्य करवाना पाया गया। इसके बाद करपावंड पुलिस ने गिरधारी और कवल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।