यह भी पढ़ें:
CG News: बिजली के खंभों को शिफ्ट करने का कार्य पूरा, सड़क निर्माण नहीं हुआ शुरू, आने-जाने में हो रही परेशानी वर्तमान में
छत्तीसगढ़ में 24 हजार 777 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें कोयले से बनने वाली बिजली 23 हजार 688 मेगावॉट है। हालांकि प्रदेश जितनी अधिक बिजली बना रहा है उसका महज 22 से 23 फीसदी की खपत ही कर पा रहा है लेकिन यह खपत समय के साथ बढ़ रही है। प्रदेश में सालाना साढ़े सात फीसदी से आठ फीसदी तक बिजली की मांग बढ़ रही है। यह प्रदेश के विकास के पथ पर बढ़ते कदम का प्रतीक है।
अभी ये है स्थिति
वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए रोजाना लगभग 5200 मेगावॉट की
बिजली की जरूरत पड़ रही है। इस साल पीक सीजन अप्रैल-मई में यह जरूरत बढ़कर 5600 मेगावॉट के आसपास पहुंची थी। यह जरूरतें धीरे-धीरे और बढ़ रही हैं। पिछले माह अक्टूबर में सेंट्रल एनर्जी अथॉरिटी (सीईए) की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है इसमें छत्तीसगढ़ की भविष्य में होने वाली बिजली जरूरतों को बताया गया है। सीईए के अनुसार 2026-27 में छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए 7661 मेगावॉट (49561 मिलियन यूनिट) बिजली की जरूरत होगी।
तकनीक बदली तो बढ़ी बिजली की मांग
प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्रदेश में बढ़ते उद्योग धंधे हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने समय-समय पर ऐसी नीति बनाई है जिससे नामी-गिरामी कंपनियां छत्तीसगढ़ में आई हैं। इन्होंने यहां कारखाना लगाया है और उत्पादन शुरू किया है। इसके साथ-साथ स्थापना के साथ से प्रदेश सरकार कृषि विकास को प्राथमिकता देती आई है। इससे किसान खेती को लेकर आकर्षित हुए हैं और उन्होंने खेती में नई तकनीक के साथ-साथ हाइब्रिड का इस्तेमाल शुरू किया है। तकनीक बढ़ने से प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ रही है। इससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। लोगों के रहन-सहन का तरीका बदल रहा है। घरों में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का इस्तेमाल बढ़ा है इससे बिजली की खपत बढ़ी है।
आठ साल में बिजली की मांग 3875 से बढ़कर 5600 मेगावॉट हुई
प्रदेश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। सीईए की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए 3875 मेगावॉट बिजली का इस्तेमाल करना पड़ा था जो वर्तमान में बढ़कर 5600 मेगावॉट तक पहुंच गया है। 2026-27 तक प्रदेश में बिजली की खपत 7661 मेगावॉट हो जाएगी। सीजी-जेएच-यूके: किसमें-कितना पावर
छत्तीसगढ़ में कुल बिजली उत्पादन -24677 मेगावॉट
- कोयला से उत्पादन – 23688
- सोलर से उत्पादन- 518
- हाइड्रो- 120
- बॉयोमास – 275
- स्मॉल हाइड्रो प्लांट- 76
2026-27 तक कुल बिजली उत्पादन हो जाएगा – 26132 मेगावाट
- कोयला से – 25067
- सोलर से – 524
- हाइड्रो से- 120
-बॉयोमास से – 335
- स्मॉल हाइड्रो प्लांट से – 86
झारखंड बना रहा कुल बिजली -4557
- कोयला से – 4250
- हाइड्रो से- 120
- सोलर से – 89
-बॉयोमास से- 4
- स्मॉल हाइड्रो प्लांट से –
उत्तराखंड बना रहा कुल 5237 मेगावॉट
-कोयला से -0
-गैस से – 450
- हाइड्रो से -3855
- सोलर से- 577
- बॉयोमास से –
- आंकड़े मेगावॉट में