मौसम विभाग (weather) के आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 5 सितंबर तक प्रदेश में औसतन 981.9 मिमी बारिश होनी चाहिए, जबकि हकीकत में 982.2 मिमी बारिश हो चुकी है। अब प्रदेश में कम वर्षा वाले जिलों की संख्या सिर्फ 9 रह गई है। बीजापुर में औसत से बहुत अधिक बारिश है। वहीं पांच जिलों में ज्यादा और 12 जिलों में सामान्य वर्षा है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए नौ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। रायगढ़, जांजगीर, बिलासपुर, गरियाबंद, बलौदा बाजार, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव और महासमुंद जिले में एक-दो जगह भारी बारिश की संभावना है। वहां अगले 48 घंटे में बस्तर संभाग के सभी जिलों के एक-दो जगह अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं रायपुर समेत पड़ोसी जिलों के एक-दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
मानसून द्रोणिका का असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तटीय ओडिशा पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। आसपास चक्रवाती घेरा भी है। उधर मानसून द्रोणिका बीकानेर, जयपुर, गुना, पेंड्रारोड, झारसुगुड़ा, तटीय ओडिशा के आसपास कम दबाव के क्षेत्र में स्थित है। इसके साथ ही चक्रवाती घेरा पूर्वी मध्यप्रदेश आसपास है। इन तीनों सिस्टम के कारण प्रदेश में कुछ जगह भारी बारिश की संभावना है। रायपुर में शुक्रवार को दिन में बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं दिन में रुक-रुक कर कुछ बार बारिश के भी आसार हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तटीय ओडिशा पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। आसपास चक्रवाती घेरा भी है। उधर मानसून द्रोणिका बीकानेर, जयपुर, गुना, पेंड्रारोड, झारसुगुड़ा, तटीय ओडिशा के आसपास कम दबाव के क्षेत्र में स्थित है। इसके साथ ही चक्रवाती घेरा पूर्वी मध्यप्रदेश आसपास है। इन तीनों सिस्टम के कारण प्रदेश में कुछ जगह भारी बारिश की संभावना है। रायपुर में शुक्रवार को दिन में बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं दिन में रुक-रुक कर कुछ बार बारिश के भी आसार हैं।