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पॉलिसी का रिनुअल कराने का दिया लालचपुलिस के मुताबिक ऐश्वर्या रेसीडेंसी निवासी 68 वर्षीय सुपारसचंद गोलेछा के पास 19 दिसंबर 2022 को अपूर्वा गर्ग नाम की युवती ने फोन किया। उसने खुद को बैंककर्मी बताते हुए कहा, आईसीआईसीआई प्रुडिंशियल लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी नंबर 01088908 की अवधि समाप्त हो रही है। इसका नवीनीकरण करना होगा। पूरी जानकारी आपके ईमेल में भेज दी गई है। (Raipur Crime News) रीनुअल कराने में 2 लाख रुपए लगेगा। बुजुर्ग को कुछ याद नहीं था कि उन्होंने ऐसी कोई पॉलिसी ली है या नहीं। इसके बाद भी उन्होंने युवती के बात को सही मान लिया और उनके बताए अनुसार 2 लाख रुपए उनके बैंक खाते में जमा कर दिया। इसके अगले दिन फिर प्रोसेस शुल्क व अन्य चार्जेस के रूप में 2 लाख 50 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा। (Raipur Cyber Alert) बुजुर्ग ने उतनी राशि फिर 23 दिसंबर 2022 को जमा कर दिया। इसके बाद युवती ने फिर बुजुर्ग को पैसा जमा करने कहा। बुजुर्ग ने 15 अप्रैल 2023 को 2 लाख रुपए और जमा कर दिया। इस तरह बुजुर्ग ने पॉलिसी के नाम पर कुल 6 लाख 50 हजार रुपए जमा कर दिया। पूरी राशि आरटीजीएस के माध्यम से जमा किया था।
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ढाई लाख के लिए कई बार फोनसाढ़े 6 लाख रुपए जमा करने के बाद भी पॉलिसी की जानकारी बुजुर्ग को नहीं मिली। इसके बाद प्रतिभा मिश्रा नाम की युवती ने उन्हें फोन किया। खुद को आईसीआईसीआई हेड आफिस मुंबई की कर्मचारी बताया। उसने फिर ढाई लाख रुपए जमा करने के लिए कहा। इस बार बुजुर्ग ने मना कर दिया। युवती उन्हें सुबह-शाम कई बार फोन करने लगी। इससे बुजुर्ग को शक हुआ।(CG Breaking News) अगले दिन वे आईसीआईसीआई प्रुडिंशियल लाइफ इंश्योरेंस के तेलीबांधा ऑफिस पहुंचे। अपने पॉलिसी के बारे में पूछा। बैंक कर्मचारियों ने बताया कि ऐसी कोई पॉलिसी उनके यहां नहीं है। इसके बाद बुजुर्ग को साइबर ठगी का पता चला। इसकी शिकायत उन्होंने तेलीबांधा थाने में की। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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सावधानी ही बचावबीमा संबंधी जानकारी देने वाले ऐसे लोगों पर भरोसा न करें। ऐसे मामलों में सीधे बैंक या एजेंट से संपर्क करना ज्यादा सुरक्षित है। (Raipur Crime scene) ऐसे ईमेल जिसमें लुभावने ऑफर या ज्यादा मुनाफा आदि अथवा पॉलिसी बंद होने, खाता बंद होने की बातें हो, तो उसमें तत्काल यकीन न करें। संबंधित फायनेंस कंपनी या बैंक में जाकर इसकी पुष्टि कर लें। कुछ भी हो उन पर यकीन न करें।
-मोनाली गुहा, साइबर एक्सपर्ट, रायपुर