शिक्षा सत्र 2019-20 में जो शुल्क लागू था, वही शुल्क शिक्षा सत्र 2020-21 में छात्रों से लिया जाएगा। गौरतलब है कि सीएसवीटीयू ने छात्रों के नामांकन शुल्क में 25 गुना बढ़ोतरी कर दी थी। छात्रों ने इसका विरोध किया, तो विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसे सुविधा शुल्क बता दिया। प्रबंधन की इस मनमानी की शिकायत छात्रों ने राज्यपाल से की थी। राज्यपाल ने २ जनवरी को आयोजित बैठक में सीएसवीटीयू के कुलपति को पूर्व शुल्क लेने का निर्देश दिया है।
100 रुपए से सीधे 2500 रुपए लिया था नामांकन शुल्क
सीएसवीटीयू ने शिक्षा सत्र 2019-20 में नामांकन शुल्क का 100 रुपए चार्ज किया था। शिक्षा सत्र 2020-21 में इस शुल्क को सीधे 25 गुना बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया था।
शुल्क लेने के पीछे विवि ने दिया यह तर्क
विद्यार्थियों से 2500 रुपए लेने के पीछे विवि प्रबंधन ने यह तर्क दिया है, कि छात्रों को दी जा रही सुविधाओं पर खर्च बढ़ गया है। विवि का खजाना भी खाली है, जिसको देखते हुए यही निर्णय ठीक लगा। विवि ने छात्रों की परीक्षा फीस आधी कर दी है, जिसे एक झटके में बराबर कर दिया गया। खास बात यह है कि परीक्षा शुल्क से लेकर डिग्री हासिल करने तक सीएसवीटीयू छात्रों से सभी शुल्क वसूलता है। फिर भी विवि यहां छात्रों पर होने वाले खर्च की दुहाई देकर अपने निर्णय को सही बता रहा है।
राजभवन में आयोजित बैठक में सीएसवीटीयू प्रबंधन (CSVTU) को छात्रहित के मद्देनजर शुल्क ना बढ़ाने का निर्देश महामहिम ने दिया है। प्रबंधन को पूर्व शुल्क लेने का निर्देश जल्द जारी किया जाएगा। – धनंजय देवांगन, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग