शनिवार को सुबह 8 बजे शैलेंद्र नगर स्थित पटवा हाउस से संतश्री महामंगल प्रवेश यात्रा निकली। इसमें अन्य स्थानकों में विराजित साधु-साध्वियां भी शामिल हुए। साथ था सकल जैन समाज। (cg news) बाजे-गाजे के साथ ये यात्रा शैलेंद्र नगर से निकली तो नजारा देखने लायक था। लोगों ने गुरुदेव के स्वागत के लिए जगह-जगह गवलियां सजाई थी। भक्ति का ऐसा अद्भुत नजारा भी सामने आया जब अपने गुरु को देखकर भक्त सड़कों पर ही नतमस्तक होकर प्रणाम करने लगे।
विभिन्न इलाकों का भ्रमण करते हुए यह विशाल यात्रा पटवा भवन में धर्मसभा के रूप में समाप्त हुई। यहां प्रवीण ऋषि ने समाजजनों को संबोधित करते हुए इस चातुर्मास अधिक से अधिक जप-तप करने की बात कही। (cg hindi news) दादाबाड़ी में विराजित साध्वी शुभंकरा श्रीजी आदि ठाणा, विवेकानंद नगर में विराजित साध्वी सुलोचना श्रीजी आदि ठाणा की शिष्याएं साध्वी प्रियस्मिता, साध्वी प्रियलता, साध्वी प्रियवंदना आदि ठाणा भी यहां मौजूद थे। इन सबने भी चातुर्मास को सफल बनाने ध्यान-पूजन पर जोर दिया।
गौतम लब्धि कलश को प्रदेश में फैलाना है ताकि सबकी हो मदद रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल जब गुरुदेव छत्तीसगढ़ आए थे तो सैकड़ों घरों में गौतम लब्धि कलश की स्थापना कराई थी। समाजजन इसमें रोज कुछ रुपए दान के रूप में डालते हैं। (cg hindi news) एक निश्चित समय पर सारा पैसा समाज के जरूरतमंदों की मदद पर खर्च किया जाता है। आज रायपुर से लेकर कवर्धा, दुर्ग, भिलाई, मुंगेली आदि कई शहरों में इस कलश से लोगों को मदद मिल रही है। समाजहित के इस काम को और बढ़ाना है। पूरे छत्तीसगढ़ में गौतम लब्धि कलश की स्थापना करानी है।
3 दिन की मौन साधना तोड़कर करवाया भक्तामर अनुष्ठान चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कीर्ति जैन ने बताया कि मंगल प्रवेश यात्रा से पहले शैलेंद्र नगर के पटवा हाउस में भव्य भक्तामर अनुष्ठान करवाया गया। इसमें 1008 जोड़ों ने हिस्सा लिया। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष कीर्ति जैन ने बताया कि इस अनुष्ठान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए संत प्रवीण ऋषि 28 जुलाई से तीन दिन की मौन साधना पर थे। साथ-साथ उनका उपवास भी चल रहा था। शनिवार को मौन साधना तोड़ते हुए उन्होंने अनुष्ठान संपन्न कराया।
अर्हम विज्जा समाधान शिविर में जीवन की समस्याओं का हल छत्तीसगढ़ श्रमण संघ के अध्यक्ष कमल पटवा ने बताया कि 5 महीने के चातुर्मास के दौरान गुरुदेव अर्हम विज्जा समाधान शिविर के अंतर्गत जीवन की हर समस्या का हल करेंगे। 4, 5, 6 जुलाई को अर्हम पुरुषाकार ध्यान शिविर होगा। 11, 12, 13 जुलाई को अर्हम अष्टमंगल ध्यान शिविर होगा। गर्भ साधना शिविर का पहला चरण 15 और 16 जुलाई को होगा। जबकि, दूसरे चरण का गर्भ साधना शिविर 9 और 10 सितंबर को होगा। इसके अलावा 7, 8, 9 अगस्त को अर्हम योग शिविर, 2, 3 सितंबर को अर्हम ब्लिसफुल कपल शिविर, 23, 24 सितंबर को अर्हम मृत्युंजय शिविर, 3, 4, 5 अक्टूबर को अर्हम डिस्कवर योरसेल्फ शिविर, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को अर्हम पैरेंङ्क्षटग शिविर का आयोजन किया गया है।