परिपत्र के अनुसार सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर परिवहन अवैध होगी। गैर जमानती अपराध माना जाएगा। जारी परिपत्र में कहा गया है कि अवैध परिवहन करने वालों पर ही बर्डन ऑफ प्रूफ की जिम्मेदारी होगी। परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ी में फलैक्स लगाने की अनिवार्यता (Vijay Sharma on Cow Smuggling) होगी। अवैध परिवहन में इस्तेमाल गाड़ी राजसात की जाएगी। गाड़ी मालिकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
यहां जनवरी 2024 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी के मामलों और गिरफ्तारियों को दर्शाने वाला चार्ट और डेटा तालिका दी गई है।
Cow Smuggling: अवैध परिवहन रोकने नोडल अधिकारी होंगे तैनात
गोवंश के अवैध परिवहन को रोकने जिला स्तर पर एक राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति होगी। ये नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाएंगे। उनके नंबर संबंधित थाने और सावर्जनिक जगहों पर चस्पा भी किए जाएंगे। ताकि गोवंश के अवैध परिवहन की शिकायत आम नागरिक नोडल अधिकारी को कर सकें। इसके अलावा अवैध परिवहन के पुराने प्रकरणों को जिलेवार एकत्रित किया जाएगा। आदतन अपराधियों को ट्रैक किया जाएगा। उन रास्तों पर भी निगरानी कड़ी होगी, जहां से अवैध परिवहन किया जाता रहा है। यह भी पढ़ें
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Cow Smuggling 2024: ये हैं प्रमुख प्रावधान
- – पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 अनुसार पशुओं को मारने, ठोकर मारेगा, उस पर अत्यधिक सवारी करेगा, अत्यधिक बोझ लादेगा या किसी यान में ऐसे रीति से ले जाएगा, जिससे उसे यातना पहुंचती है या उसे परिरूद्ध करेगा, पर्याप्त खाना, जल या आश्रय नहीं देगा, उनके विरुद्ध दांडिक कार्यवाही किए जाने का प्रावधान किया गया है।
- – गोवंश का वध व वध किए जाने का प्रयास किए जाने की सूचना प्राप्त होने पर घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए सुसंगत धाराओं में अपराध दर्ज कर अभियुक्तों की पहचान स्थापित करते हुए कार्यवाही की जाएगी।
- – गोवंश एवं दुधारू पशुओं को अवैध परिवहन (तस्करी) के दौरान जब्त करने पर नियमानुसार संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए गौशाला कांजी हाउस या संबंधित संस्था को सुपुर्दगी में दिया जाएगा।
- – पशु वध शालाओं के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।
- – विगत वर्षों में हुई घटनाओं की जानकारी संकलित व सूचीबद्ध करते हुए तस्करी के रूट, संवेदनशील क्षेत्र को चिन्हित करते हुए विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी।
- – जिला/थाना स्तर पर गौवध तथा गोवंश की तस्करी की घटनाओं में संलिप्त व्यक्तियों को चिन्हित कर इनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
- – प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में विशेष रूप से अवैध परिवहन (तस्करी) रोकने संवेदनशील क्षेत्रों में स्थैतिक सर्विलेंस पाइंट स्थापित की जाएगी।
- – तस्करी में प्रयोग होने वाले संभावित मार्गों पर निरंतर पेट्रोलिंग की जाएगी।
- – विगत वर्षों की घटनाओं में संलिप्त अभियुक्तों की सूची तैयार कर आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी।
- – अपराध में संलिप्त सह-अभियुक्तों व सहयोगियों को चिहिन्त कर उन पर सतत् निगरानी रखी जाएगी।
- – उक्त प्रकरणों में अपराध विवेचना के साथ वित्तीय जांच एवं मनीट्रेल का भी पता लगाया जाएगा।
- – उक्त घटनाओं की रोकथाम के लिए अन्य विधि प्रवर्तक एजेंसी व राज्यों के साथ भी जानकारी साझा की जाएगी।
- – दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा किया जाकर विवेचना की कमियों की पूर्ति के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।
- – न्यायालय में विचाराधीन मामलों की अभियोजन में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए, जिससे अभियुक्तों की जमानत का लाभ न मिल सके तथा अभियुक्त को अभियोजित किया जा सके।