रायपुर

छत्तीसगढ़ के 51 अफसरों पर भ्रष्टाचार के दाग, इन IAS- IFS के खिलाफ मिली 31 शिकायतें, चल रही है जांच

Raipur News: छत्तीसगढ़ में आईएएस के 41 तो वही आईएफएस के 45 पद रिक्त हैं। आज विधानसभा में विधायक धरमलाल कौशिक के लिखित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब पेश किया।

रायपुरDec 19, 2024 / 10:32 am

Khyati Parihar

CG News: प्रदेश में आईएएस और आईएफस के ढेरों पद रिक्त है। लेकिन जो पद भरे हैं, उसमें से प्रदेश के 27 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ 11 अपराध, 1 प्रारंभिक जांच व 31 शिकायतों के बाद जांच चल रही है। इसी तरह 24 आईएफएस अधिकारियों खिलाफ विभिन्न विषयों में कुल 31 शिकायतों पर जांच रही है। बता दें कि प्रदेश में आईएएस अफसरों के कुल 202 पद स्वीकृत हैं। इसमें 161 पद भरे गए हैं। जबकि 41 पद रिक्त है। इसी तरह आईएफस के कुल 153 पद स्वीकृत हैं। इसमें 108 पद हैं। जबकि 45 पद खाली हैं।
यह जानकारी विधानसभा में 16 दिसंबर को भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लिखित में दी है। मुख्यमंत्री ने जवाब में यह भी कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा की जा रही जांच की जानकारी राज्य शासन के पास उपलब्ध नहीं है। विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार वर्ष 2019 से 9 दिसंबर 2024 तक केंद्रीय एजेंसी द्वारा आईएएस, आईएफस अधिकारियों के खिलाफ चालान, समन एवं प्रकरण दर्ज होने एवं विभाग द्वारा उनके खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी है।
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इनके खिलाफ चल रही जांच

अधिकारी के नाम – शिकायतें

राजेश कुमार टोप्पो, पद का दुरुपयोग कर शासन को तत्कालीन सीईओ संवाद व अन्य आर्थिक हानि पहुंचाना।

संजय अलंग, तत्कालीन प्रबंध पद का दुरुपयोग कर निविदा में संचालक पाठ्य पुस्तक निगम गड़बड़ी कर आर्थिक अनियमितता।
रानू साहू, तत्कलीन राज्य शासन को 3 करोड़ की कलेक्टर कोरबा राजस्व क्षति पहुंचाना।

समीर विश्वनोई, तत्कालीन निदेशक विभाग में धोखाधड़ी कर शासन संचालनालय भौमिकी एवं खनकर्म को अर्थिक क्षति पहुंचाना

डॉ. आलोक शुक्ला , तत्कालीन विभाग में आर्थिक अनियमिता प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग करना
अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त शराब की बिक्री में अवैध कमाई सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग कर शासन को हानि पहुंचाना व अन्य विवेक ढांड, तत्कालीन चेयरमेन शासकीय नजूल जमीन को हड़पने रेरा एवं अन्य फर्जी बैनामा का सहारा लेकर स्थाई पट्टा लेना व अन्य ।
निरंजन दास, तत्कालीन आय से अधिक संपत्ति अर्जित आबकारी आयुक्त करना

कुलदीप शर्मा, तत्कालीन पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार सीईओ जिला पंचायत, जशपुर

सुरेंद्र कुमार जायसवाल, तत्कालीन सरकार की अनुमति के बिना संचालक, पंचायत एवं ग्रामीण नियम विरुद्ध करोड़ों का लैट विकास संस्थान निमोरा क्रय करना ।
गौरव द्विवेदी, तत्कालीन प्रमुख समग्र शिक्षा के तहत आईसीटी सचिव एवं अन्य प्रोजेक्ट में 345 करोड़ की गड़बड़ी।

नरेंद्र कुमार दुग्गा सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों की राशि फर्जी बिल से निकालना।

अशोक अग्रवाल, सेवा निवृत्त सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों की गड़बड़ी
पुष्पा साहू, तत्कालीन सचिव, पीएससी परीक्षा में पास हुए इंटरव्यू लोक सेवा आयोग देने वाले प्रतिभागियों से 25-25 लाख रुपए लेने व धोखाधड़ी ।

अधिकारी के नाम शिकायतें

सुधाकर खलको, तत्कालीन खरीदी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार डायरेक्टर माटीकला बोर्ड
राजेश सिंह राणा, वित्त आर्थिक पद का दुरुपयोग कर आय से सांयिकी विभाग अधिक संपत्ति अर्जित करना ।

डीडी सिंह, तत्कालीन सचिव, आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार । एससी-एसटी विभाग

अमृत खलखो, तत्कालीन सचिव भ्रष्टाचार करने एवं अनुपातहीन श्रम विभाग संपत्ति अर्जित करने।
नुपूर राशि पन्ना, तत्कालीन अवैध पैसे की मांग करना अपर कलेक्टर

किरण कौशल, तत्कालीन प्रबंध भ्रष्टाचार की शिकायत संचालक राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित नवा रायपुर

टी. राधाकृष्णन सेवानिवृत्त शासकीय खाते से 508284 राशि निकालना।
संजीव कुमार झा, तत्कालीन पुनर्वास पट्टे की जमीन को बिक्री कलेक्टर अंबिकापुर करने की अनुमति देने करोड़ों रुपए लेना।

इफ आरा, तत्कालीन पुनर्वास पट्टे की जमीन को बिक्री कलेक्टर सूरजपुर करने की अनुमति देने करोड़ों रुपए लेना।
भुवनेश यादव, तत्कालीन सचिव, सहायक प्राध्यापकों के ट्रांसफर में उच्च शिक्षा विभाग संशोधन कर लाखों रुपए लेना।

जीवन किशोर ध्रुव – तत्कालीन भ्रष्टाचार कर नियम विरुद्ध काम।सचिव, लोक सेवा आयोग

टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सीजी पीएससी भर्ती में घोटाला।
केके खेलवार, तत्कालीन 13 वें वित्त आयोग की राशि में डीएफओ कोंडागांव भ्रष्टाचार

अधिकारी के नाम शिकायतें

राजेश गोवर्धन, प्रबंध संचालक करोड़ों के जंगल की अवैध कटाई । कोरबा व अन्य

एस वेंकटाचलम, तत्कालीन वनमार्म के नाम पर करोड़ों रुपए वनमंडाधिकारी कटघोरा का भ्रष्टाचार
आरके जांगड़े, तत्कालीन फर्जी बीटशीट से करोड़ों का वन मंडलाधिकारी दंतेवाड़ा भ्रष्टाचार ।

आलोक तिवारी, तत्कालीन पदों का दुरुपयोग कर शासकीय डीएफओ, महासमुंद योजना में भ्रष्टाचार ।

उत्तम कुमार गुप्ता, तत्कालीन फर्जी ठेकेदार से मिलीभगत वन मंडलाधिकारी रायपुर भ्रष्टाचार ।
अरुण कुमार पांडेय वन्यप्राणियों के अवशेष की तस्करी करने व अन्य ।

पकंज राजपूत, तत्कालीन वन सामान खरीदी व अन्य कार्य में मंडलाधिकारी राजनांदगांव भ्रष्टाचार।

एसके पैकरा, तत्कालीन वन करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करना मंडलाधिकारी बिलासपुर
रमेश चंद दुग्ग शासकीय राशि में भ्रष्टाचार

गुरुनाथन एन, तत्कालीन वन मंडला कोरबा विभाग में भ्रष्टाचार करना ।

समा फारुकी, तत्कालीन वन मंडलाधिकारी कटघोरा भ्रष्टाचार ।

जितेंद्र उपाध्याय कैपा मद में भ्रष्टाचार
विवेकानंद झा, तत्कालीन डीएफओ बलरामपुर आय से अधिक संपत्ति।

राकेश चतुर्वेदी, तत्कालीन वन अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करना। बल प्रमुख एवं प्रधान मुय वन संरक्षक

संजय शुक्ला आय से अधिक संपत्ति अर्जित करना
आलोक कटियार, तत्कालीन मुय सीईओ बलरामपुर केंद्र की योजनाओं में भ्रष्टाचार।

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