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बता दें कि 28 जुलाई की एमआईसी संपत्तिकर वसूली प्रक्रिया में सरलीकरण करते हुए चक्रवृद्धि ब्याज के स्थान पर साधारण दर के हिसाब से माहवार अधिभार वसूलने का प्रस्ताव पारित किया। जिसे सामान्य सभा में पास कराकर मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया। इसमें यह एजेंडा भी शामिल था कि शहर के सभी 70 वार्डों में भले ही लोग कई साल पहले प्लाॅट खरीद रखे हों, परंतु खाली प्लाॅटों का टैक्स केवल दो साल की अवधि का ही लगेगा।
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विभागीय प्रस्ताव का दिया गया था हवाला निगम के राजस्व, बाजार, नजूल विभाग के विभागीय प्रस्ताव के अनुसार महापौर एजाज ढेबर ने 18 जुलाई को पत्र लिखकर निगम द्वारा अधिरोपित अधिभार की दरें बहुत अधिक होने का उल्लेख किया था। यह भी स्पष्ट किया था कि निगम द्वारा गणना के लिए अपनाई गई चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से जनसामान्य के लिए भारी पड़ रही है। यहां तक लोगों के समझ से परे हैं। इसलिए बकाया टैक्स का अधिभार दरों को सरलीकृत किया जाए, परंतु उस पर कोई अमल नहीं हुआ। न ही कांग्रेस शासन में इसे मंजूरी मिली। हैरानी ये कि नगर निगम वर्ष 2013 से अब तक एक ही ढर्रे पर लोगों से टैक्स वसूल रहा है।
अलग-अलग दर तय
नगर के सभी 70 वाडोZ के लिए प्राॅपर्टी टैक्स अलग-अलग निधाZरण किया गया है। यदि किसी व्यक्ति को भाठागांव मेन रोड के आसपास खाली प्लाॅट है तो 12 रुपए वर्गफीट और अंदर बस्ती तरफ है तो 10 रुपए वर्गफीट तथा सरचार्ज अलग से जोड़कर एक हजार वर्ग फीट का 15 से 20 हजार रुपए तक वसूलने की तैयारी है।
शहर के सभी 70 वाडो में खाली प्लाॅटों का पूरा टैक्स वसूला जाएगा। केवल दो साल का टैक्स लगाने के संबंध में सामान्य सभा में स्वीकृत जिस प्रस्ताव को शासन के पास भेजा गया था, उसका मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए प्राॅपर्टी टैक्स के मामले में कोई रियायत लोगों को नहीं मिलेगी।
– विवेकानंद दुबे, राजस्व अधिकारी, निगम