scriptखतरा अभी टला नहीं है: संक्रमण दर-मृत्यु दर कम, रिकवरी रेट बढ़ा, इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना चला गया | Coronavirus Increase in recovery rate and decline in fatality rate CG | Patrika News
रायपुर

खतरा अभी टला नहीं है: संक्रमण दर-मृत्यु दर कम, रिकवरी रेट बढ़ा, इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना चला गया

छत्तीसगढ़ में भले ही कोरोना की अप्रैल त्रासदी यानि दूसरी लहर से बाहर निकल गया हो, मगर वायरस खत्म हो गया है ऐसा कतई नहीं है। क्योंकि अभी भी बड़ी संख्या में गंभीर मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है।

रायपुरJun 07, 2021 / 10:50 am

Ashish Gupta

रायपुर. छत्तीसगढ़ में भले ही कोरोना की अप्रैल त्रासदी यानि दूसरी लहर से बाहर निकल गया हो, मगर वायरस खत्म हो गया है ऐसा कतई नहीं है। क्योंकि अभी भी बड़ी संख्या में गंभीर मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। कुल एक्टिव 24,895 मरीजों में से 4,639 कोविड-19 अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं। इनमें 2165 मरीज ऐसे हैं जिन्हें आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा है। इसलिए कोरोना को कतई हल्के में न लें, क्योंकि पहली लहर के बाद सरकार से लेकर नागरिकों ने यही गलती की। नतीजा दूसरी लहर के रूप में भुगतना पड़ा।
‘पत्रिका’ ने राजधानी रायपुर के एम्स, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल और 2 निजी अस्पतालों से संपर्क किया। डॉक्टरों ने बताया कि अप्रैल और मई की तुलना में मरीज कम हुए हैं, जो स्वाभाविक है। क्योंकि किसी भी वायरस की जब लहर आती है तो वह एक निश्चित समय के लिए ही होती है। पीक आने के बाद संक्रमण ढलान पर होता है। यह कोरोना की 2 लहरों में देखा जा चुका है।

यह भी पढ़ें: श्मशानघाटों में 2 महीने बाद अब ‘शांति’, कोरोना से जून में अब तक सिर्फ 7 मौतें

इनका कहना है कि इस बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता कि गंभीर मरीज अभी भी आ रहे हैं। क्यों आ रहे हैं? इन्होंने कारण भी बताए। डॉक्टरों का मानना है कि अभी भी हम लक्षणों को नजर अंदाज कर रहे हैं। मेडिकल स्टोर या झोलाछाप कथित डॉक्टरों से दवा ले रहे हैं। जब बीमारी बढ़ रही है तब अस्पतालों की ओर दौड़ रहे हैं। अभी होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत मौतों की यही वजह है।

सिर्फ कोरोना से मौत के मामले अभी भी अधिक
कोरोना की पहली लहर में सिर्फ कोरोना से संक्रमित होने पर मौत होने के मामले कम थे। मगर, दूसरी लहर में अन्य बीमारियों के बाद संक्रमित होकर मरने वालों की संख्या सिर्फ कोरोना से मरने वालों की संख्या से कम रही। स्पष्ट है कि कोरोना ने स्वस्थ व्यक्तियों को भी अपनी चपेट में लिया। दूसरी लहर में बड़ी संख्या में युवाओं की मौत हुई। स्थिति तो यहां तक भयावह हो गई थी कि भर्ती होने के 2-4 दिन में जानें जा रही थीं।

यह भी पढ़ें: कोविड काल में बच्चों को निमोनिया के खतरे से बचाने में मददगार है यह टीका

डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा ने कहा, अप्रैल और मई की तुलना में मरीज कम मिल रहे हैं। मगर, गंभीर मरीज तो अभी भी रिपोर्ट हो ही रहे हैं, भर्ती हैं। कुछ मरीज देरी से डायग्नोस हो रहे हैं। इसलिए यह मान लेना कि कोरोना खत्म हो गया, यह भूल होगी।
इन शिकायतों के साथ आ रहे मरीज- सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जो कोरोना के प्रमुख लक्षण हैं। इनके साथ ही सांस लेने में तकलीफ। शुगर, हाई ब्लड प्रेसर के मरीज सर्वाधिक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

Hindi News / Raipur / खतरा अभी टला नहीं है: संक्रमण दर-मृत्यु दर कम, रिकवरी रेट बढ़ा, इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना चला गया

ट्रेंडिंग वीडियो