इस बीमारी से हर जिला प्रभावित है। हर वर्ग प्रभावित है। यही वजह है कि जब हालात हाथ से निकलने लगे तो Lockdown के खिलाफ रही सरकार को इसे सख्ती से लागू करना पड़ा। केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा। उधर, इस बीमारी का पीक कब आएगा, यह स्पष्ट नहीं है। यही वजह है कि विभाग मान रहा है कि गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है और बढ़ेगी। अगर, अप्रैल में पीक नहीं आया तो मई जैसा खतरा रह सकता है।
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आज संक्रमण से कैसे बिगड़े हालात
आज पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हो रहा है। ऑक्सीजन लेवल तेजी से नीचे गिर रहा है। 30 प्रतिशत लोगों की मौत अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के अंदर हो रही है, यानी सडन डेथ ज्यादा हो रही हैं। अब सिर्फ कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
इन 3 किन कारणों से बढ़ा संक्रमण
1- दूसरे प्रभावित राज्यों से आने वालों की जांच में ढिलाई। 2- 1 मरीज के पीछे 20 लोगों की कांटेक्ट्र ट्रेसिंग करनी थी, कि गई 10 ही।यह भी पढ़ें: कोरोना का कहर: वैक्सीन की दोनों डोज लगावने के बाद 36 पुलिसकर्मी-अधिकारी हो गए संक्रमित
क्या होती है ग्रोथ रेट
एक निश्चित समय के बाद संक्रमण का दोगुना हो जाना। इसे इस प्रकार भी समझें कि 4 अप्रैल को राज्य में 5250 मरीज मिले थे। वहीं 10 अप्रैल यानी 7 दिन के बाद 14098 मरीज मिले। 7 दिन के अंतराल में मिलने वाले मरीजों की संख्या दोगुनी से अधिक जा पहुंची। 2 राज्यों के बाद मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट 1.21, चंडीगढ़ की 1.20, पंजाब की 1.16, गुजरात की 1.07 और झारखंड की 1.01 है। शेष राज्यों की 1 प्रतिशत से नीचे।
इन जिलों में सबसे ज्यादा संक्रमण
रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, महासमुंद, रायगढ़, कबीरधाम, कोरबा, जांजगीर चांपा, बलौदाबाजार, धमतरी, बेमेतरा, बालोद, जशपुर, कांकेर।
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सोचें, कहां हमने चूक की और खामियाजा भुगता
आप शांति से बैठें और सोंचे की हम संक्रमित हुए तो कहां से हुए होंगे? अगर, हमारे घर में किसी की मौत कोरोना से हुई, तो हमसे कहां चूक हुई? आप और हम किसी न किसी नतीजे तक पहुंचेंगे। गलती पता चलेगी। डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा का कहना है कि गलती हुई, मगर इसे दौहराएं न। पहले दिन से मास्क पहनना, 2 गज दूरी और हाथ धोने की बात समझाई जा रही थी। मगर, संक्रमण कम हुआ और हम भूले और संक्रमण ने पलटवार कर दिया। यही बचाव के तरीके हैं, इसके अतिरिक्त कुछ और नहीं है।