उसे जरूरतमंद लोगों को लगा दी गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने नई खेप नहीं भेजी, क्योंकि कोरोना संक्रमण रुक गया था। राज्य ने भी वैक्सीन की मांग नहीं की। प्रदेश में राजधानी के दो समेत चार निजी अस्पताल में वैक्सीन लगाई जा रही थी, वहां भी वैक्सीन नहीं है।
बूस्टर डोज के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार ऐसे में लोगों को बूस्टर डोज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल जो निजी अस्पताल बूस्टर डोज लगाएंगे, उन्हें नए सिरे से कोविन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए सिरे से रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होगी। आर्डर के बाद पेमेंट होगा। फिर वैक्सीन की सप्लाई होगी। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। दरअसल प्रदेश में पौने दो करोड़ लोगों को बूस्टर डोज लगाना है, जो 9 माह पहले वैक्सीन लगाई गई है, उनकी एंटीबॉडी खत्म हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीन लगाने के बाद अधिकतम 6 से 9 माह तक एंटीबॉडी बनी रह सकती है।
प्रदेश में वैक्सीनेशन की स्थिति केटेगरी टारगेट अचीवमेंट प्रतिशत 18 प्लस बूस्टर डोज 1.71 करोड़ 8581 0.1 60 प्लस बूस्टर डोज 32.42 लाख 5.13 लाख 16 15 प्लस पहला डोज 16.39 लाख 11.61 लाख 71
15 प्लस दोनों डोज 16.39 लाख 8.48 लाख 52 प्रदेश में शुक्रवार को 6 जिलों में कोरोना के 10 नए मरीज मिले हैं। रायपुर में एक भी मरीज नहीं मिला है। प्रदेश में कोरोना से पहली मौत हुई है। दुर्ग में 82 साल की महिला की मौत हुई है। उन्हें कोरोना के साथ दूसरी बीमारी भी थी। राहत वाली बात ये भी रही कि होम आइसोलेशन में तीन मरीज स्वस्थ हो गए हैं। अब प्रदेश में 37 एक्टिव केस बाकी है। रायगढ़ में सबसे ज्यादा 4 नए केस मिले हैं। बस्तर में दो, सुकमा, सूरजपुर व दुर्ग में एक-एक मरीज मिला है। दुर्ग में जिस महिला की मौत हुई है। उसका इलाज भिलाई के सेक्टर 9 अस्पताल में चल रहा था।
बूस्टर डोज रोकेगा कोरोना के संक्रमण को, इसलिए जरूरी बूस्टर डोज लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाएगा। सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार कीमोथैरेपी के कारण कैंसर के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसे में बूस्टर डोज से एंटीबॉडी बनेगी, जो संक्रमण रोकने में मददगार होगा। दूसरी बीमारियों खासकर लीवर, हार्ट, किडनी रोगियों को भी बूस्टर डोज लगाने से संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी।
प्रदेश में अभी कोई भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। जब नियमित रूप से वैक्सीन लगाई जा रही थी, तब लोग उदासीनता बरतते रहे। कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज जरूरी है। -डॉ. विश्वनाथ भगत, राज्य टीकाकरण अधिकारी