यह भी पढ़ें:CG News: दुर्गवासियों को बड़ी सौगात, 22 करोड़ ने निर्माण कार्य का भूमिपूजन करेँगे सीएम साय.. शासन द्वारा सहकारिता के अन्य आयामों जैसे जैविक कृषि, बीज उत्पादन, मत्स्य आदि को मजबूत कर छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को गति दी जाएगी। सभी जिलों में बढ़ेगी पैक्स की संख्या सहकारिता के विस्तार और पैक्स की संख्या सभी जिलों तक बढ़ेगी। इसके बाद जिला सहकारी बैंकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। साथ ही, सहकारी बैंकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाया जाएगा। राज्य के सभी 6 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों की संबद्धता सीजीटीएमएसई से सुनिश्चित करते हुए इंटरनेट बैंकिग सहित ई-बैंकिग सुविधाओं तथा आधार इनेब्लड पेमेंट सिस्टम सुनिश्चित किए जाएंगे ।
नए जिलों में सहकारिता विभाग के कार्यालय खुलने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बहुआयामी पैक्स, दुग्ध, मत्स्य सहकारी समिति का गठन दो वर्ष के भीतर किया जाएगा। केंद्र सरकार की जनजाति कल्याण विभाग के साथ समन्वय करते हुए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और छत्तीसगढ सरकार के साथ एमओयू किया जाएगा, जिसके बाद प्रदेशवासी विशेषकर अनुसूचित जनजाति के लोगों को दुग्ध सहकारिता से जोड़ने की पहल की जा रही है।
उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए दुधारु पशु यथा- गाय, भैंस पालन के लिए उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाएगा। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि आगामी पांच वर्षों में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से लाभ अर्जित कर आठ से दस पशुधन के मालिक बन सके एवं उस परिवार को आजीवन इसका लाभ मिलता रहे। बता दें कि अभी प्रदेश में कुल 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां पैक्स कार्यरत हैं।