उनकी जगह पर जितेंद्र बारले उर्फ जीतू को नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश से एल्डरमैन नियुक्त किया गया है। छतवानी क्षेत्रीय विधायक कुलदीप जुनेजा के करीब माने जाते हैं। उन्हीं की अनुशंसा पर एल्डरमैन बनाए गए थे, परंतु हटाए जाने से पहले विधायक जुनेजा से विचार-विमर्श तक नहीं किया गया। इसलिए इस फेरबदल को राजनीतिक हल्के में तेलीबांधा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं में आपसी मतभेद माना जा रहा है।
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बता दें कि कांग्रेस की राजनीति में वरिष्ठ नेता आनंद कुकरेजा और निगम में एमआईसी सदस्य अजीत कुकरेजा अच्छा खासा दखल रखते हैं। उन्हीं के तेलीबांधा क्षेत्र के वार्ड में अचानक फेरबदल हुआ है। वर्तमान में एल्डरमैन बनाए गए बारले को नगरीय (CG news) प्रशासन मंत्री का नजदीकी माना जाता है। अचानक हुए बदलाव के बाद सिंधी समाज के लोगों का कहना है, कांग्रेस की अंदरूनी मतभेद के आपसी तकरार का नुकसान समाज को भुगतना पड़ रहा है। दुर्भावनावश हटाए जाने से समाज में आक्रोश सिंधी कौंसिल ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष ललित जैसिंघ का कहना है कि समाज में आक्रोश है। छतवानी कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ ही सिंधी समाज के कर्मठ समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें दुर्भावनावश एल्डरमैन के पद (Alderman Chhatwani removed) से हटाया जाना बिल्कुल उचित नहीं है। इसी तरह सिंधु शक्ति के संस्थापक किशोर आहूजा एवं अध्यक्ष मनोज डेंगवानी, महासचिव अमर दौलतानी ने छतवानी को हटाए जाने को लेकर समाज को आहत करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि छतवानी कई वर्षों से कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही के रूप में काम करते रहे हैं।
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मुझसे कोई विचार-विमर्श नहीं छतवानी को एल्डरमैन बनाने की अनुशंसा मैंने की थी। परंतु उन्हें अचानक हटाए जाने से पहले किसी ने न तो विचार-विमर्श किया और न ही कोई चर्चा हुई है। – कुलदीप जुनेजा, विधायक उत्तर कोई जानकारी नहीं छतवानी की नियुक्ति विधायक जुनेजा की अनुशंसा पर हुई थी। ये तो वही बता सकते हैं कि अचानक कैसे हटाया गया। नगरीय प्रशासन का आदेश वायरल होने पर मुझे पता चला है।
– अजीत कुकरेजा, एमआईसी सदस्य निगम
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