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पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में पढाई के नाम पर केवल दिखावा का नाटक चल रहा है। दरअसल मामला गंभीर है, गंम्भीर इसीलिए क्योंकि विषय सीधा विद्यार्थियों के भविष्य का है।विश्वविद्यालय में संचालित कम्प्यूटर साइंस एमफिल का रिजल्ट जीरो रहा। जबकि वर्ष 2019 सत्र में एमफिल कम्प्यूटर साइंस के एकमात्र छात्र को सात प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं। मंगलवार को रविवि प्रबंधन ने पीजी डिप्लोमा क्रिमिनल एंड फॉरेन साइंस, पीजी डिप्लोमा इन रीजनल प्लानिंग एंड डेवलपमेंट सेमेस्टर एग्जाम, बीबीएस सेमेस्टर, एमपीएड, सीबीएस, बी. फार्मेसी और एमफिल कम्प्यूटर साइंस का रिजल्ट जारी किया। डिप्लोमा क्रिमिनल एंड फॉरेन साइंस का परिणाम शत प्रतिशत रहा। पीजी डिप्लोमा इन रीजनल प्लानिंग एंड डेवलपमेंट सेमेस्टर एग्जाम का परिणाम भी शत प्रतिशत रहा। बीबीएस सेमेस्टर का परिणाम 91.68 प्रतिशत रहा, लेकिन एमफिल कम्प्यूटर साइंस का रिजल्ट जीरो प्रतिशत रहा।
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अब जांच का दिया जा रहा हवालामामले में प्रबंधन और स्टाफ पर सवाल उठने पर अब कुलसचिव डॉ. गिरीशकांत पांडे ने जांच करवाने की बात कही है। कुलसचिव का कहना है कि एमफिल में कम से कम 5 छात्रों को प्रवेश देना जरूरी है। एक छात्र को प्रवेश देने के साथ ही रिजल्ट कैसे शून्य जारी हुआ, इसकी जांच होगी।
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