बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनके पक्षकार बीमार है और बीपी, शुगर और अन्य बीमारियों से ग्रसित होने के कारण नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करते है। नार्को टेस्ट के पहले दिए जाने दवाई से उनके पक्षकारों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।
इन आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग
सूर्यकांत तिवारी (कोल घोटाले का किंगपिन कहा जाता है)रजनीकांत तिवारी (सूर्यकांत का भाई)
निखिल चंद्राकर (सूर्यकांत के साथ काम करता था)
रोशन कुमार सिंह ( कोयला घोटाले के सिंडिकेट में शामिल)
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