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रायपुर

स्कूल भवनों का निर्माण व मरम्मत अधूरा, मध्याह्न भोजन के बाद हो रही छुट्टी

सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों में अवकाश की अवधि बढ़ा दी थी, इसके बावजूद स्कूलों में मरम्मत व निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया है। जिसके चलते जर्जर स्कूलों भवनों व बिना भवन के खतरों के बीच बच्चों को पढ़ाई करनी होगी। हालात यह है कि कई स्कूलों में बैठने के लिए एक कमरा तक नहीं बचा है। जिसके चलते रोजाना छुट्टी भोजन उपरांत दे दी जाती है।

रायपुरJun 29, 2023 / 03:37 pm

Gulal Verma

स्कूल भवनों का निर्माण व मरम्मत अधूरा, मध्याह्न भोजन के बाद हो रही छुट्टी

भाटापारा। सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों में अवकाश की अवधि बढ़ा दी थी, इसके बावजूद स्कूलों में मरम्मत व निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया है। जिसके चलते जर्जर स्कूलों भवनों व बिना भवन के खतरों के बीच बच्चों को पढ़ाई करनी होगी। हालात यह है कि कई स्कूलों में बैठने के लिए एक कमरा तक नहीं बचा है। जिसके चलते रोजाना छुट्टी भोजन उपरांत दे दी जाती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत भाटापारा ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों में निर्माण कार्य चल रहा है, परंतु इस निर्माण कार्य की चाल कछुए की चाल बराबर है। जिसके कारण नौनिहालों का हाल खराब हो चला है और स्कूल लग नहीं पा रही है। पूरे भाटापारा ब्लॉक में 46 जगह पर स्कूल में निर्माण कार्य अथवा मरम्मत का कार्य चल रहा है। कई स्कूलों में लेंटर भी धराशाई कर दिए गए है। जहां पर अब स्कूल लग ही नहीं पा रही है। हालात यह है कि केवल मध्याह्न भोजन कराकर छुट्टी दे दी जाती है।
बलौदाबाजार कलेक्टर के द्वारा 15 जून से पहले ही इस कार्य को पूरा करने सख्त हिदायत दी गई थी। लेकिन अब तक विकासखंड के विद्यालयों का कार्य अधूरा पड़ा है। स्कूल प्रांगण में मलबा, गिट्टी, रेती, ईटा, छरिया बिखरे पड़े हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी गंभीर दुर्घटना घटने की आशंका बनी हुई है। ब्लॉक मुख्यालय के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल के विद्यालयों में में भी अमूमन यही हाल है। कई विद्यालयों में तो एक भी कमरा कक्षा संचालन के लिए नहीं बचा है। बच्चों को बैठाने लायक एक कक्ष भी पूर्ण नहीं है। कहीं छत उखड़ी है, कही छत ढला है तो कहीं मलबा बिखरा पड़ा है। अभी सभी विद्यालयों में इस योजनान्तर्गत रंग-रोगन होना है, टाइल्स लगनी है, बिजली फिटिंग होनी है। कार्य कब तक पूरा होगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। अनुमान है कि कम से कम दो माह से अधिक का समय लग सकता है।
यहां यह बताना जरूरी है कि इस बार स्कूलों की मरम्मत व निर्माण का कार्य ग्राम पंचायत अथवा सरपंचों के माध्यम से नहीं कराया जा रहा है। इस कार्य को ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा संचालित कराया जा रहा है। ठेके पद्धति में इस कार्य को किया जा रहा है। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की उदासीनता के चलते ही क्षेत्र के लगभग सभी स्कूलों के भवनों स्थिति बहुत खराब है। काम कब पूरा होगा कोई भी बता पाने की स्थिति में नहीं है। इस मामले में जब ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के एसडीओ भास्कर राठौर से बात करने की कोशिश की गई, तो शायद वे कहीं निजी कार्य में थे, जिसकी वजह से उनसे बात नहीं हो पाई।

स्कूलों में समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से बच्चों को बहुत अधिक तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को कार्य जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
– सुरेंद्र यदु, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत, भाटापारा

पूरे ब्लॉक में 46 जगहों पर स्कूल की मरम्मत अथवा निर्माण का कार्य चल रहा है। काम की गति धीमी होने के कारण शिक्षा विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए कोशिश हो रही है कि जहां एक पाली में स्कूल लगती थी, वहां पर दो पाली में स्कूल लगाई जा रही है।
– रामजी पाल, विकासखंड शिक्षा अधिकारी भाटापारा

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