CM Sai Rajim Visit: राजिम लाखों-करोड़ों लोगों की श्रद्धा का केंद्र
जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर सीएम के सामने अपनी राय रखने की बात कही है। सब्जी विक्रेता भीखम सोनकर, कराटे मास्टर खिलावन साहू, किसान लीला राम साहू, संगीताचार्य तुलाराम साहू, साहित्यकार टीकमचंद सेन, मजदूर गोपाल चक्रधारी, पूर्व सरपंच सोहन वर्मा, ऑटो मैकेनिक कृष्णा साहू ने कहा, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध धर्म एवं पर्यटन नगरी राजिम को जिला का दर्जा देकर संत कवि पवन दीवान के सपनों को साकार करें। यहां की जनता को विकास के पथ पर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने कहा हिंदुस्तान में जितने भी बड़े तीर्थ स्थल हैं, सभी जिला मुख्यालय बन चुके हैं। राजिम लाखों-करोड़ों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है।
दोनों शहरों में व्यापार फल फूल रहा है। जिले को राजस्व भी खूब मिलता है। सुई से सब्बल तक, हर तरह के सामान खरीदने यहां लोग 100-200 किमी दूर से भी आते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इलाका अब भी पिछड़ा है। यहां कोई व्यवसायिक स्कूल-कॉलेज नहीं है।
दोनों शहरों में व्यापार फल फूल रहा है। जिले को राजस्व भी खूब मिलता है। सुई से सब्बल तक, हर तरह के सामान खरीदने यहां लोग 100-200 किमी दूर से भी आते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इलाका अब भी पिछड़ा है। यहां कोई व्यवसायिक स्कूल-कॉलेज नहीं है।
प्रदेश में 16 से बढ़कर 33 जिले
नतीजतन छात्र-छात्राओं को मोटी रकम खर्च कर रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर, कोटा, राजस्थान, दिल्ली जैसे बड़े शहरों का रूख करना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी जैसी होनी चाहिए थीं, वैसी अब तक नहीं हो पाई है। जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। उस मुकाबले सुविधाएं नहीं बढ़ रहीं। इन सब हालातों के मद्देनजर राजिम को अलग जिला बनाने की मांग तेज हो रही है। यह भी पढ़ें