रायपुर

अब गरीब परिवार भी खरीद सकेंगे महंगी दवाइयां, मुख्यमंत्री साय ने की ये बड़ी घोषणा, जानिए कैसे उठाए लाभ…

CG Health Report : आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर केवल 60 फीसदी जेनेरिक दवा लिखते हैं।

रायपुरDec 17, 2023 / 09:42 am

Kanakdurga jha

Ambedkar Hospital : आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर केवल 60 फीसदी जेनेरिक दवा लिखते हैं। एसएचआरसी यानी स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर के सर्वे में इसकी पुष्टि हुई है। डॉक्टर 40 फीसदी ब्रांडेड दवा लिखते हैं, जो बाहर मेडिकल स्टोर में महंगे दामों पर मिलती है। इसे खरीदने के लिए मरीज मजबूर हैं। यही नहीं जो जेनेरिक दवा डॉक्टर लिखते हैं, ज्यादातर मौकों पर दवा स्टोर से नहीं मिलती।
यानी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन जरूरी दवाओं की सप्लाई करने में फेल है। इसके कारण न केवल आंबेडकर अस्पताल बल्कि प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी में जरूरी दवाएं नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जेनेरिक दवाएं, ब्रांडेड जैसी ही प्रभावी है। बस मल्टीनेशनल कंपनियां व कुछ डॉक्टर लाॅबी इसे लेकर भ्रांतियां फैला रहे हैं। लोगों को भी लगता है कि जेनेरिक दवाएं सस्ती हैं, तो असर करेगी कि नहीं, इसे लेकर असमंजस में रहते हैं।
यह भी पढ़ें

CG politics : हार के बाद कांग्रेस में बगावत… अब पूर्व कांग्रेस विधायक मोहित केरकेट्टा ने भी दिया इस्तीफा, पार्टी में मची खलबली



मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में सरकारी अस्पतालों के सभी डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने का फरमान जारी किया है। पहले भी यह फरमान मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया व अब नेशनल मेडिकल कमीशन जारी कर चुका है। इसके बावजूद सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों के डॉक्टर जेनेरिक दवाओं के बजाय ब्रांडेड को प्राथमिकता दे रहे हैं।
आंबेडकर में मल्टी विटामिन से लेकर कई बार एंटी एलर्जिक टेबलेट सिट्राजिन उपलब्ध नहीं रहता। अभी स्टॉक में कुछ दवाएं हैं, जिसे मरीजों को बांटा जा रहा है। सर्दी, खांसी व बुखार के लिए डॉक्टर एंटी एलर्जिक, पैरासिटामॉल व खांसी की सीरप लिखते हैं। कई बार एंटी बायोटिक टेबलेट भी लिखते हैं। जब मरीज पर्ची लेकर पहुंचता है तो इनमें एक या दो दवा ही मिल पाती है। जब वह रेडक्रास व धनवंतरी मेडिकल स्टोर पहुंचता है तो वहां जेनेरिक दवा तो मिल जाती है। लेकिन जब वह निजी मेडिकल स्टोर पहुंचता है, तब उन्हें ब्रांडेड दवा दी जाती है। यह जेनेरिक से तीन से चार गुना महंगी होती है।
यह भी पढ़ें

New Year पार्टी के लिए बनाए ऐसे यूनिक प्लान, फैमली को लेकर यहां जाए घूमने..




डॉक्टरों की सूची वायरल, महंगे गिफ्ट पहुंचाने का किया था दावा

तीन-चार साल पहले एक मल्टीनेशनल कंपनी की सूची वायरल हुई थी, जिसमें रायपुर समेत दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर व दूसरे शहरों के डॉक्टरों के नाम थे। इसमें डॉक्टरों को महंगे गिफ्ट देने का दावा था। इस सूची में मेडिकल कॉलेज के चार से पांच डॉक्टरों के नाम भी थे, जिनमें कुछ रिटायर हो गए व कुछ अभी भी सेवाएं दे रहे हैं। यह वायरल सूची काफी सुर्खियों में रहा था। डॉक्टर भी इसकी खूब चर्चा करते थे। आमजनों से लेकर डॉक्टर बिरादरी में भी चर्चा होती है कि कुछ डॉक्टर मल्टीनेशनल कंपनियों के दबाव में ब्रांडेड दवा लिखते हैं। इन्हें सपरिवार विदेश टूर भी करवाया जाता है। साथ ही महंगे-महंगे गिफ्ट भी दिए जाते हैं।

150 से 175 करोड़ का बजट, फिर भी कॉर्पोरेशन नाकाम दवा खरीदने में

मेडिकल कॉलेज समेत जिला व दूसरे अस्पतालों के लिए सालाना 150 से 175 करोड़ रुपए का बजट है। इसके बावजूद सीजीएमएससी समय पर दवा खरीदने में नाकाम है। गठन के 11 वर्ष बाद भी कॉर्पोरेशन में अव्यवस्था का आलम है। गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस सरकार ने निगम मंडल की तरह कॉर्पोरेशन में विधायकों को बिठा दिया था। 2012 से 2017 तक ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पिछले साल बारिश के सीजन में आंबेडकर समेत प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में एक भी दवा नहीं थी। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने डीएमई पर बजट जारी नहीं करने पर सवाल उठाए थे। जब मामले की पड़ताल की गई तो डीएमई कार्यालय ने बैठक के दो माह पहले ही सीजीएमएससी को दवा खरीदी के लिए 55 से 59 करोड़ फंड ट्रांसफर कर दिया था।

सभी विभाग के डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। इस आदेश का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। कई बार स्टोर में दवा नहीं रहने पर लोकल पर्चेस किया जाता है।
– डॉ. एसबीएस नेताम, अधीक्षक आंबेडकर अस्पताल

Hindi News / Raipur / अब गरीब परिवार भी खरीद सकेंगे महंगी दवाइयां, मुख्यमंत्री साय ने की ये बड़ी घोषणा, जानिए कैसे उठाए लाभ…

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.