भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ग्राम माठ रवाना होने से पहले कहा – ‘लोगों को सिद्धियां मिलती हैं। रामकृष्ण परमहंस और भगवान बुद्ध इसके उदाहरण हैं। सिद्धियों से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन चमत्कार नहीं दिखाना चाहिए, ये जादूगरों का काम है. ये उचित नहीं है। सिद्धियों का प्रयोग चमत्कार दिखाने में नहीं करना चाहिए, ऋषि-मुनियों ने भी कहा है। चंगाई सभा में भी यहीं चमत्कार है। इससे जड़ता आती है। धर्म बचाने का ठेका लेने वाले धोखे में हैं।
इससे पहले छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने भी बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को चुनौती देते हुए कहा था कि धीरेंद्र साबित करें राज्य में धर्मांतरण के मामले नहीं बढ़ रहे। अगर बागेश्वर बाबा ऐसा कुछ साबित कर देते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
बता दें इससे पहले बद्रिकापीठेश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दिव्य दरबार और चमत्कार के सवाल पर कहा कि चमत्कार दिखाने वाले जोशी मठ आकर धंसकती हुई जमीन को रोककर दिखाएं और इसकी दरारों को भर दें तब मैं उनके चमत्कार को मान्यता दूंगा। शंकराचार्य शनिवार को बिलासपुर में टिकरापारा स्थित गुजराती समाज भवन में धर्मसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। शंकराचार्य ने पत्रकारों से दिव्य दरबार के सवाल पर कहा कि वेदों, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चमत्कार दिखाने वालों को हमारी मान्यता है। अगर शास्त्र की कसौटी पर कसी हुई कोई बात गुरु के मुख से निकलती है तो उसकी मान्यता है। मनमाने तरीके से बोलने के लिए न ही हम अधिकृत हैं और न ही हम उसे मान्यता देते हैं। सिर्फ अपनी वाहवाही के लिए चमत्कारी बनने वालों को मैं मान्यता नहीं देता।