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इस बयान के बाद सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि आरक्षण जब लागू किए तब उस समय भाजपा नेता ने इस पर नहीं बोले। लेकिन अचानक कल 69 प्रतिशत आरक्षण हो गया तो उसके बाद धरमलाल कौशिक का बयान आया है। इतने दिन तक वो क्यों चुप थे और यदि पिछड़े वर्ग के हितैषी है तो समर्थन करना चाहिए। वो आज तक चुप क्यों थे। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को लगाया स्टे
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgrh High Court) ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है । कोर्ट ने भूपेश सरकार के पिछड़ा वर्ग आरक्षण का दायरा 27 प्रतिशत किए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। अब प्रदेश के लोगों को अभी इसका फायदा नहीं मिलेगा (OBC reservation)। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त के दिन ओबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ा कर बड़ा ऐलान किया था।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgrh High Court) ने आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया है । कोर्ट ने भूपेश सरकार के पिछड़ा वर्ग आरक्षण का दायरा 27 प्रतिशत किए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। अब प्रदेश के लोगों को अभी इसका फायदा नहीं मिलेगा (OBC reservation)। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त के दिन ओबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ा कर बड़ा ऐलान किया था।
चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की संयुक्त बैंच ने इस मसले पर दायर याचिका की सुनवाई की। सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला और उनके सहयोगियों के द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया था कि, इंदिरा साहनी प्रकरण में यह व्यवस्था दी गई थी कि, किसी भी सूरत में आरक्षण पचास प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।
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14 से बढ़ाकर कर दिया था 27 फीसदीमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था जिसके बाद एसटी को 32 फीसदी, एससी को 13 फीसदी तथा पिछड़ा वर्ग को 14 की बजाय 27 फीसदी आरक्षण और सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण यानि कुल 82 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा। इसे लेकर सरकार ने अध्यादेश जारी किया था।
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सरकार ने दिए थे अध्यादेश लाने की मंजूरीसरकार ने अनुसूचित जाति और ओबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों एससी वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत करने और ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का फैसला किया था। आपको बता दें कि आध्यादेश जारी होने के बाद नया आरक्षण प्रभावी हो जाता है।
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ऐसा था आरक्षण की पात्रता की शर्तें– जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम हो
– पांच एकड़ से कम कृषि भूमि हो
– शहर में 1000 वर्गफीट का घर हो
– ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज से बड़ा मकान न हो
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