रायपुर

अगर सुख में बिताना है जीवन, तो “हरेली” त्यौहार में जरूर बुलाए लोहार को अपने घर

आज प्रदेश के मुख्यमंत्री कई जगह जाकर लोगो के साथ हरेली तिहार का आनंद लेंगे और गेड़ी भी चलाएंगे।

रायपुरAug 01, 2019 / 09:20 am

CG Desk

अगर सुख में बिताना है जीवन, तो “हरेली” त्यौहार में जरूर बुलाए लोहार को अपने घर

रायपुर। हरेली यानी हरियाली, अमावस्या के पर्व से लोक पर्वों की शुरुआत होती है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान होने के कारण यहां पर लोग इस पर्व को उत्साह व उमंग से मनाते हैं। गांव हो या शहर, हर जगह कृषि औजारों की पूजा करते हुए आने वाले समय में अच्छी फसल की कामना करते हैं। इस दिन लोक संस्कृति के रंग भी देखने को मिलते हैं । गेड़ी चढऩे के साथ ही पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा जाता है।

विधायक के कहने से शुरू हुई डैम की खुदाई, अब मंत्री करेंगे कार्रवाही, पढ़े पूरा मामला

आज 1 अगस्त को प्रदेश में हरेली तिहार धूमधाम से मनाया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ का प्रमुख लोक पर्व है। ग्रामीण अंचल पर इस लोक पर्व का लोगों का उत्साह देखने को मिलता है। किसान अपने खेतों में आषाढ़ से ही बोआई का कार्य करते हैं, जो सावन के माह तक चलता है। सावन माह के अमावस्या को हरेली का पर्व मनाया जाता है।
डेढ़ से दो माह तक फसल लगाने का प्रारंभिक कार्य पूरा करने के बाद इस पर्व को मनाते हैं। इस दिन हल, नांगर, गैती, कुदाल जैसे कृषि औजारों को धोकर साफ किया जाता है। इसके बाद उसकी पूजा-अर्चना करते हुए अच्छी फसल की कामना की जाती है। इसके साथ ही कुलदेवी – कुलदेव की आराधना भी की जाती है।

Video: सेल्फी लेते वक्त फिसल गया पैर, उफनते नदी में जा पहुंची युवती

चीला व चौसेला रोटी का लगेगा भोग
हरेली में हर घर में कृषि औजारों की पूजा कृषक श्रद्धा भाव से वैदिक विधियों से करते है । इसके साथ ही चावल के आटे से बने छत्तीसगढ़ी व्यंजन भोग में अर्पित किया जाता हैं । इसमें खास तौर पर चीला, चौसेला, फरा, खीर, बड़ा व भजिया जैसे पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं।

प्रत्येक घर में होगी पूजा
प्रदेश में कृषि का कार्य ही जीविकोपार्जन का माध्यम है। इसलिए घर-घर कृषि औजारों की पूजा करते हुए किसान अच्छी फसल की कामना करेंगे। इस दिन हर कोई उत्साहित नजर आता है और त्योहार का जम कर आनंद उठाता है।

यहां तिरपाल लगाकर किया जाता है दाह संस्कार, परिजनों की तकलीफ जानकर भड़क जाएंगे आप

लगेगी नारियल की बाजी
हरेली में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में युवा नारियल फेंक का खेल अक्सर आज भी खेलते हैं । इसमें नारियल फेंकने की प्रतियोगिता होती है और दूरी के लिए बोली लगाई जाती है । युवा उत्साह से इस खेल का हिस्सा बनते है और नारियल फेंक में शामिल होते है ।

गेंड़ी चढ़ेंगे बच्चे
जिले के ग्रामीण अंचलों में इस पर्व पर बांस की बल्लियों से गेंड़ी तैयार की जाती है। गांव के सभी क्षेत्रों में गेंड़ी बनाने का कार्य एक हप्ते पहले से शुरू कर दिया जाता है और हरेली के दिन बच्चे गेंड़ी चढ़कर कई तरह की प्रतियोगिताएं करेंते है ।

जब लड़की ड्यूटी करने पहुंची अस्पताल, तो सीनियर ने किया दरवाजा बंद और करने लगा ज़बरदस्ती गन्दा काम

लोहार का होगा महत्व
हरेली का पर्व तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वजह से इस दिन गांव में लोहार का महत्व बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि बुरी नजर से बचाने में लोहा महत्वपूर्ण होता है और लोहार घर-घर जाकर कील ठोकता है।

Click & Read More Chhattisgarh News .

Hindi News / Raipur / अगर सुख में बिताना है जीवन, तो “हरेली” त्यौहार में जरूर बुलाए लोहार को अपने घर

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.