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छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान और अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बघेल मंगलवार सुबह 11 बजे राहुल गांधी के आवास पहुंचे। जहां राहुल ने पहले बघेल और फिर मंत्री सिंहदेव से अलग-अलग बैठक की। इसके बाद दोनों को साथ बैठाकर छत्तीसगढ़ के सियासी मसलों पर चर्चा की। इस दौरान पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ प्रभारी पुनिया भी मौजूद थे।यह भी पढ़ें: राहुल, बघेल और बाबा के मुलाकात पर भाजपा का तंज, रमन बोले – दिल्ली से जिसको उम्मीद है वो लोग टीके
सोनिया-राहुल के सुझाव पर काम करेंगे : सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पत्रकारों से कहा कि छत्तीसगढ़ को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जो भी सुझाव देंगे, वह उसके मुताबिक काम करेंगे। हम सब एक परिवार की तरह हैं, जिसका नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी कर रहे हैं। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। नेतृत्व के सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि वहां सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही नेतृत्व कर रहे हैं। नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सिंहदेव ने कोई टिप्पणी नहीं की।
पुनिया-सीएम आगे, सिंहदेव पीछे
इस बैठक पर सभी की निगाहें जमी हुई थीं। राहुल गांधी के निवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा था। बैठक के बाद जब तीनों नेता बाहर निकले, तो प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आगे चल रहे थे और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव उनके पीछे थे।
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उत्तरप्रदेश चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत
बताया जाता है कि बैठक में उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ को बड़ी जिम्मेदारी देने के संकेत दिए हैं। वैसे भी वर्तमान में मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी को प्रभारी सचिव बनाया गया है। उत्तरप्रदेश के कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ में बूथ मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी गई है।
भाजपा ने पूछा आदिवासी अध्यक्ष कहां गए?
भाजपा ने इस बैठक और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पुनिया के बयान पर सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने ट्वीट किया कि- भ्रमित कांग्रेस नेताओं की भ्रम से भरी मैराथन मीटिंग तीन घंटे तक चली। अगर चर्चा चुनाव के परिपेक्ष्य में थी, तो आपके आदिवासी अध्यक्ष क्यों उपस्थित नहीं थे?