एस्मा तीन महीने के लिए लगाया गया है। दूसरी ओर पटवारियों ने बुधवार को एक बैठककर फैसला लिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। बता दें कि पटवारियों की हड़ताल से आम जनता को होने वाली परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से चर्चा की थी और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गृह विभाग ने एस्मा लगाने का फैसला किया है।
इस वजह से लगा एस्मा प्रदेशभर के पटवारी अपनी मांगों को लेकर 15 मई से आंदोलन कर रहे हैं। इससे शिक्षा सत्र चालू होने से एवं रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन होने से विद्यार्थियों को जाति, निवास, आय प्रमाण पत्रों को प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। साथ ही कृषि कार्य के प्रारंभ होने के पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के सीमांकन, बटांकन, नामांतरण की कार्रवाई शासकीय योजनाओं के लाभ के लिए जरूरी हो गई है। पटवारी प्रतिवेदन के अभाव में राजस्व न्यायालयों के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। इसे देखते एस्मा लगाया गया है।
इन प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं पटवारी पटवारियों की मांग है कि वेतन विसंगति दूर करते हुए ग्रेड पे 2800 किया जाए। राजस्व निरीक्षक पद पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नित दी जाए। संसाधन एवं नेट भत्ता दिया जाए। महंगाई के अनुरूप स्टेशनरी भत्ता दिया जाए। पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक किया जाए। मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए। बिना विभागीय जांच के प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज न किया जाए।
मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन पर डटे रहेंगे। फिर चाहे प्रशासन पटवारियों की आईडी ब्लाक करें या फिर एस्मा लगाए।
-भागवत कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्व पटवारी संघ