यह भी पढ़ें: Tiger rescue: Video: मादा बाघ का किया गया रेस्क्यू, 3 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने किया ट्रैक्यूलाइज, देखें वीडियो इसे देखते हुए उन बाघों को यहां रोकने की कवायद चल रही है। यहां से जंगलों में सुरक्षित रहवास क्षेत्र और विचरण एवं शिकार मिलने पर वह स्थायी रूप से डेरा डालेंगे। इससे बाघों की संख्या में इजाफा होगा। बता दें कि 2022 में हुई गणना के बाद जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में बाघों की 17 बताई गई है। गणना के दौरान उनके शावकों को नियमानुसार गिनती में शामिल नहीं किया जाता है।
पिछले दो सालों में शावक अब व्यस्क हो चुके है। मध्यप्रदेश के कान्हा, बांधवगढ़ तथा पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ की संख्या में इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए मध्यप्रदेश वन विभाग ने छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान को 4 और ओडिशा को 3 बाघ देने की पेशकश की गई है।
तीन राज्यों में बाघ देने सहमति
मध्यप्रदेश के वन विभाग ने छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान को 4 और ओडिशा को 3 बाघ देने के लिए तैयार हैं। शर्त के मुताबिक बाघ का चयन करने संबंधित राज्य के वन अफसरों को आने के साथ ही स्थानीय वेटनरी डाक्टर की निगरानी में बाघों का चयन कर ट्रांसलोकेट करना होगा। इसका सारा खर्च संबंधित राज्य को वहन करना होगा। साथ ही शिफ्टिंग के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना पडे़गा। वहीं इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। सभी शर्त पूरा करने पर ही बाघ मिलेगा। बता दें कि राज्य सरकार की पहल पर केंद्र सरकार से 3 बाघों को लाने की अनुमति मिल चुकी है। जल्दी ही उन्हें लाने के बाद एटीआर में रखा जाएगा।