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छत्तीसगढ़ में लौटे शत-प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। 97.80 प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को पात्रतानुसार नि:शुल्क और रियायती दरों पर राशन दिया गया। इसी तरह श्रमिक परिवारों को एलपीजी कनेक्शन, नकद सहायता, कृषि और मनरेगा में रोजगार और कृषि ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। छत्तीसगढ़ श्रमिकों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन देने के मामले में सर्वेक्षित राज्यों में पहले स्थान पर है।उपचुनाव: नामांकन निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे अमित
99 ग्राम पंचायतों में हुआ सर्वे
यह सर्वे बिलासपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, महासमुंद और राजनांदगांव की 99 ग्राम पंचायतों में किया गया। जिसमें 500 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ में किए गए सर्वे में बिलासपुर जिले की 28, दंतेवाड़ा की 15, जशपुर की 20, महासमुंद की 19 और राजनांदगांव की 17 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इन ग्राम पंचायतों में 30 जून से 28 जुलाई के बीच सर्वेक्षण किया गया।
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श्रमिकों को दो श्रेणी में बांटा
सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहली श्रेणी में गैर कृषि कार्य में संलग्न श्रमिक, जो 52.98 प्रतिशत स्किल्ड हैं और दूसरी श्रेणी में आयरन और वेल्डिंग, फेब्रीकेशन कार्यों में 40.43 प्रतिशत स्किल्ड हैं। कुशल श्रमिकों में छत्तीसगढ़ का योगदान एक तिहाई है।