इसके बाद भी जांच के दौरान सिंडीकेट में शामिल आरोपियों के पास से करोड़ों रुपए मिल रहे हैं। इसे देखते हुए जांच एजेंसी की अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर ब्लैकमनी का खजाना कहां पर छिपाकर रखा गया है। यह हर बार प्रकरण की जांच के दौरान बरामद हो रहा है।
बताया जाता है कि लगातार ब्लैकमनी और आय से कई गुना अधिक संपत्ति मिलने के बाद सट्टा, शराब और कोल स्कैम में पकड़े गए आरोपियों से संपत्तियों और इससे जुडे़ हुए लोगों के संबंध में पूछताछ कर बयान दर्ज कर रही है। साथ ही प्रकरण की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। इसकी जद में आने वाले अन्य लोगों पर हाथ डालने की तैयारी चल रही है।
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नई एफआईआर होगी
ईओडब्ल्यू जल्दी ही निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौया चौरसिया सहित अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर सकती है। इसके लिए नई एफआईआर दर्ज करने की तैयारी चल रही है। उक्त सभी लोगों की कुल आय और व्यय की गणना करने के बाद चल-अचल संपत्तियों को राजसात करने की कार्रवाई होगी। बता दें कि पिछले दिनों ईओडब्ल्यू ने दर्ज किए गए एफआईआर में बताया था कि समीर विश्नोई के अपने एवं पत्नी के नाम राज्य के अलग-अलग स्थानों में 5 करोड़ 12 लाख रुपए की 13 अचल संपत्ति, वहीं रानू साहू के अपने और परिजनों के नाम पर 4 करोड़ रुपए से अधिक की 24 अचल संपत्तियां और सौया चौरसिया के अपने और परिजनों के नाम पर 9 करोड़ 22 लाख रुपए की 29 संपत्ति खरीदने की जानकारी दी गई है।
महादेव सट्टा में अटैच की संपत्ति: ईडी महादेव सट्टा से जुडे़ लोगों के मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, इंदौर और रायपुर में छापे के बाद 580 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति सीज और अटैच कर चुकी है। वहीं जांच के दौरान 1296 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी का खुलासा हो चुका है। इस प्रकरण में पकडे़ गए लोगों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा चुका है। वहीं इसके फरार प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी की तलाश की जा रही है।