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मुख्यमंत्री से हो चुकी है शिकायत
मामले का खुलासा पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े ने किया है। मामले की जांच की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री से हो चुकी है। राशन दुकानों मे बीते कई वर्षों का हजारों टन चावल स्टॉक है। यह विभाग की वेबसाइट से मिली जानकारी बता रही है। जबकि हकीकत यह है कि राशन दुकानों में पिछला स्टॉक बचता ही नहीं है। इस तरह लाखों टन चावल सिर्फ सरकारी रिकार्ड में है। विभाग लगातार राशन दुकानों को हर माह चावल आवंटित कर रही है। जिनके पास पहले ही चावल का स्टॉक सैकड़ों टन है। बीते वर्षों में दिया गया अतिरिक्त स्टॉक का समायोजन नहीं किया जा रहा है।
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सिर्फ 100 दुकानों के आंकड़ो से समझे गड़बड़ी
सिर्फ 100 दुकानों में 37 हजार क्विंटल चावल गायब प्रदेश मेंअंत्योदय (गुलाबी राशन कार्ड) कार्डधारियों को 35 किलो चावल दिया जाता है। नीला प्राथमिकता कार्ड में प्रति सदस्य 7 किलो चावल राशन प्रदान किया जाता है। नगरीय निकाय क्षेत्र में 1261 राशन दुकान तथा ग्रामीण क्षेत्र में 11043 राशन दुकानें संचालित हो रही हैं। इस प्रकार पूरे प्रदेश में कुल 12304 राशन दुकान संचालित है। 40 नगरीय निकाय क्षेत्र के 100 राशन दुकानों का आवंटन तथा वितरण एवं शेष बचत राशन के संबंध में शासन द्वारा ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज किए गए दस्तावेजों का जांच पड़ताल किया गया। जिसमें स्टॉक के 37 हजार 553 क्विंटल राशन चावल की धांधली अब भी दिखाई दे रही है।