यह भी पढ़ें: विजय हजारे वनडे मैच के लिए छत्तीसगढ़ की टीम घोषित, अमनदीप को होंगे कप्तान सीएम साय ने निवेशकों से कहा, छत्तीसगढ़ निवेश के लिए असीम संभावनाओं वाला राज्य है। हमारी नई औद्योगिक नीति उद्योगों को कर, भूमि, और बिजली में छूट के साथ-साथ सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं देती है। यह नीति न केवल उद्योगों की स्थापना, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर देती है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत और नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सेन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
15 सालों तक की जाएगी सेस की प्रतिपूर्ति
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को बताया, बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर की स्टील इकाइयों और अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। आयरन ओर पर 50 फीसदी और कोयले पर 100 फीसदी रॉयल्टी की छूट दी गई है। इसके साथ ही उद्योगों द्वारा चुकाए गए रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले सेस की प्रतिपूर्ति 15 वर्षों तक की जाएगी। इसके अलावा, ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।आईआईएम के छात्र नियुक्त होंगे इन्वेस्टमेंट मैनेजर
सीएम ने बताया कि उद्योगपतियों को राज्य सरकार द्वारा विशेष सहूलियतें दी जा रही है। इसके लिए आईआईएम रायपुर के साथ एमओयू (समझौता) करके वहां के पास आउट छात्रों को मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत इन्वेस्टमेंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है। ये घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।छत्तीसगढ़ में आधुनिक तकनीक पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया, छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में कई नए और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, ग्रीन हाइड्रोजन और डेटा सेंटर। इसके अलावा, आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र भी खास होंगे। इन क्षेत्रों में उद्योगों को 30 से 50 प्रतिशत तक सहायता मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक करों में छूट दी जाएगी, जिससे वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें। इन्होंने ने दिखाई निवेश में रुचि- माइक्रोमैक्स के राजेश अग्रवाल ने सौर सेल निर्माण में 100 करोड़ निवेश का प्रस्ताव।