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पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए। देर शाम एक एएसआई को एसएसपी ने निलंबित कर दिया।पुलिस लाइन में जरूरत के अनुसार किराए से चौपहिया वाहन लगाए जाते हैं। एएसआई नागेंद्र सिंह का बेटा राहुल सिंह की भी एक स्कार्पियो विभाग में किराए से लगी थी।
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उसके दो लाख रुपए का बिल पास नहीं हुआ है। बिल पास कराने के लिए सोमवार को नागेंद्र एमटीओ शाखा गया था। इस दौरान एमटी शाखा प्रभारी सूबेदार गोविंद वर्मा से बिल पास कराने को लेकर उसकी कहासुनी हो गई।
देखते ही देखते नागेंद्र ताव में आ गए और बदजुबानी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। इससे बिफरे सूबेदार वर्मा ने बिल पास करने से मना कर दिया। इससे नाराज नागेंद्र और उसका बेटा राहुल वहां से चले गए।
20 हजार रिश्वत मांगने का आरोप
पुलिस लाइन की घटना के बाद राहुल और एएसआई नागेंद्र प्रेस क्लब पहुंचे। वहां राहुल ने मीडिया को बताया कि उनका राज टूर एंड ट्रेवल्स के नाम से २ लाख रुपए का बिल लगा है, जिसे अभी तक पास नहीं किया गया है। इसे पास करने के एवज में एमटीओ प्रभारी द्वारा 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी जा रही है। उसने बताया कि उसकी स्कार्पियो वाहन 10 मई से 29 जून तक लगी थी।
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उसकी गाड़ी का एवरेज 40 किमी प्रति घंटा है, जिसे घटाकर 10 किमी प्रति घंटा करने के लिए कहा जा रहा था। उसने यह भी आरोप लगाया कि कई लोग हैं, जिनका बिल दिसम्बर माह का होने के बावजूद पास हो गया, लेकिन उनका मई का बिल होने के बावजूद जारी नहीं किया गया है।
प्रभारी की भी चलती है गाडि़यां
राहुल ने आरोप लगाया कि एमटीओ शाखा प्रभारी राजकुमार द्विवेदी की भी गाडि़यां किराए से चल रही हैं। इसके अलावा पुलिस लाइन के कई अधिकारी हैं, जिनकी गाडि़यां किराए पर चलाई जा रही है। पीएचक्यू के अफसरों के रिश्तेदारों की गाडि़यां भी लगती हैं।
यह है नियम
शासकीय नौकरी में रहते हुए कोई दूसरा कार्य नहीं कर सकते हैं। पुलिस विभाग में किसी भी तरह का काम शुरू करने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देनी पड़ती है, रायपुर पुलिस लाइन में एेसा नहीं चल रहा है। बताया जाता है कि एएसआई नागेंद्र भी किसी दूसरे के नाम से वाहन किराए पर चलाता है। इसी तरह अन्य लोग भी किसी न किसी रिश्तेदार की गाड़ी किराए से लगवा रखा है।
किराए के वाहनों की नहीं रखते आरसी बुक
एमटीओ शाखा में जिन गाडि़यों को किराए पर लिया जाता है, उनकी आरसी बुक की फोटोकॉपी भी नहीं लेते हैं। साथ ही उस गाड़ी का मालिक कौन है? इसकी जानकारी भी नहीं लेते हैं। यही वजह है कि एएसआई के बेटे राहुल ने जिस स्कार्पियो को पुलिस लाइन में किराए से लगाया था, उसका असली मालिक कौन है? इसका पता नहीं चल पाया। उस वाहन से संबंधित आरसी बुक व अन्य दस्तावेज अधिकारियों को देर शाम तक भी नहीं मिल पाए थे।
एसएसपी ने किया निलंबित
एएसआई नागेंद्र पचपेड़ीनाका ट्रैफिक थाना में पदस्थ है। प्रभारी सूबेदार वर्मा से बदजुबानी करने, अमर्यादित भाषा का प्रयोग और झूठे आरोप लगाने की शिकायत एसएसपी आरिफ शेख को मिली। मामले की जांच के बाद देर शाम एएसआई नागेंद्र को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी नागेंद्र की शिकायतें मिल चुकी हैं। करीब दो साल पहले विधानसभा में पदस्थापना के दौरान पुलिस क्वार्टर में रहने वाले हवलदार के साथ मारपीट की थी।
मेरी कोई गाड़ी पुलिस लाइन में नहीं चल रही है। इस तरह का झूठा आरोप है।
-राजकुमार द्विवेदी, प्रभारी एमटी शाखा, पुलिस लाइन
ऊंची आवाज में बात कर रहे थे। उन्हें दूर जाकर बिल से संबंधित विसंगतियों का निराकरण करने कहा गया था। इससे वे नाराज होकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने लगे। राहुल की ओर से लगाए गए आरोप झूठे हैं। किसी ने उनसे रिश्वत नहीं मांगी है।
-गोविंद वर्मा, सूबेदार व प्रभारी एमटी शाखा, पुलिस लाइन रायपुर