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पुलिस के मुताबिक उरला बस्ती निवासी सीता धृतलहरे (28) को शनिवार को थकान और शरीर में दर्द हो रहा था। परिजन उसे मोहल्ले में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर वरनदास के पास ले गए। डॉक्टर ने महिला को एक इंजेक्शन लगाया। इससे महिला की स्थिति और बिगडऩे लगी। ज्यादा सेहत बिगडऩे पर परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए। वहां कुछ देर बाद महिला की मौत हो गई। इसकी शिकायत उरला थाने में की गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण मौत के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है।इस वजह से बच्चों से लेकर बूढ़ो तक हो रहें डायबिटीज और BP के शिकार, सामने आए चौकाने वाले आकड़े
स्वास्थ्य विभाग नहीं करता जांचशहर के कई हिस्सों में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं। कई लोगों के पास चिकित्सा करने, इंजेक्शन व दवा लिखने के लिए अनिवार्य डिग्री नहीं है। इसके बाद भी डॉक्टरी का कार्य कर रहे हैं। इन लोगों का स्वास्थ्य विभाग में रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। इसके चलते कई लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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