साथ ही खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों को खानपान के लिए रेस्टोरेंट और कैफे की सुविधा भी मिलेगी। जहां खरीदी के बाद आराम से चाय-नाश्ता, फास्ड फूड और अन्य खाद्य सामग्री मिलेगी। जेल महकमे के अधिकारी इसे शुरू करने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए जेल परिसर स्थित एम्पोरियम को शॉपिंग मॉल में तब्दील किया जा रहा है। ताकि लोगों को एक ही छत के नीचे सस्ता, सुंदर टिकाऊ सामान मिल सकें।
बताया जाता है कि शॉपिंग मॉल को शुरू करने का उद्देश्य बंदियों के भीतर उनके प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के साथ ही उनके द्वारा निर्मित सामानों को बाजार उपलब्ध कराना है। इससे सामानों की बिक्री में इजाफा होने पर कैदियों एवं बंदियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। वहीं जेल और राज्य सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।
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यह सामान मिलेगा
प्रदेशभर के कैदियों द्वारा निर्मित बस्तर आर्ट की लकड़ी की प्रतिमाएं, सोफा सेट, सेंटर टेबल, दिवान, पलंग, घर का सजावटी सामान, किचन के लकड़ी के पाटन, बेलन, दाल मथनी, दरी चादर, नेपकीन, टॉवेल, योगा आसन पूजा आसन, फिनाइल, रेडीमेड पैंट- शर्ट,सलवार सूट,साड़ी के साथ ही हथकरघा से निर्मित कपड़ों के अलावा सीजनेबल सामान मिलेंगे। जिसमें गणेश-दुर्गा की मूर्तियां और अन्य सामान मिलेंगे। वहीं बंदियों द्वारा निर्मित विभिन्न पेंटिंग भी प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध होंगी। इन सभी सामानों को उत्थान के ब्रांड नाम से बेचा जाएगा। बता दें कि दिल्ली में तिहाड जेल में कैदियों द्वारा बनाए गए शर्ट-टीशर्ट, पेंट और अन्य सामान टीजेएस के नाम से विक्रय किया जाता है।