यह भी पढ़ें
घर आकर सो गया पति तो पत्नी ने टंगिए से वारकर कर दी हत्या, गर्दन पर किया ताबड़तोड़
माइग्रेन, शुगर, थायराइड और बीपी के अलावा ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों ने घेर लिया।। ऑस्टियोपोरोसिस के चलते 19 जगह फ्रैक्चर हुए। तब उन्होंने योग शुरू किया। इससे वह पूरी तरह ठीक हो गईं और अब दूसरों की सेहत संवार रही हैं। यह भी पढ़ें महिला पटवारी का ऑडियो वायरल, कर रही थी ऐसी बातें, कॉल कर मांगी इतनी रकम जया ने बताया, उन्होंने साउंड हीलिंग में इंटरनेशनल कोर्स किया है। शरीर में 114 चक्र हैं, जिसमें सात महत्त्वपूर्ण हैं। मुख्य रूप से यह तिब्बत की थैरेपी है। इसके लिए उपयोग में लाए जाने वाले बॉल्स व इक्विपमेंट हाथ से बने होते हैं।
मेरे ससुर का निधन 75 की उम्र में हुआ। उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। वह जगतगुरु कृपालु महाराज के अनुयायी थे। इसलिए मैंने भी जीवन में योग को अपनाया, जिसका मुझे भरपूर फायदा मिला। योग ने शारीरिक व मानसिक तौर पर मजबूत किया।
खत्म हुई कैंसर की आशंका: इन सब दिक्कतों के बीच ब्रेस्ट में गांठ हो गई थी। डॉक्टर ने कैंसर की आशंका जताई और दो दिन के भीतर कट बॉयोप्सी की सलाह दी। इसके लिए मुझे मुंबई जाना था। मैंने प्राणायाम जारी रखा, शायद वह कैंसर की गांठ नहीं थी, इसलिए प्राणायम से हट गई।