शिविर में प्राप्त होने वाले फौती नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के प्रकरणों का मौके पर निराकरण किया जाएगा। राज्य में अभी 7 लाख 4 हजार 154 दर्ज प्रकरणों में से 5 लाख 90 हजार 490 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। राजस्व मंत्री ने पत्रकारवार्ता में कहा, राजस्व प्रकरणों का पंजीयन और पेशी की तारीख अपडेट नहीं करने वाले अधिकारियों पर सख्ती की जाएगी। ऐसा नहीं करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, आकाशीय बिजली गिरने, अग्नि दुर्घटना से होने वाले फसल क्षति, मकान क्षति और पशु एवं जनहानि के लिए सभी 33 जिलों को 143 करोड़ 54 लाख रुपए की राशि जारी की जा रही है।
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Chhattisgarh News: भू-राजस्व प्राप्तियों के लिए पेमेंट गेट-वे
मंत्री ने बताया कि भुईयां और ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर में व्हाट्स ऐप का इंटीग्रेशन किया जा रहा है। जिससे जन सामान्य को सभी तरह की सूचनाएं व्हाटस-ऐप से मिल सकें। सभी प्रकार के भू-राजस्व प्राप्तियों के लिए पेमेंट गेट-वे की शुरुआत की जा रही है। अभी तक ट्रेजरी चालान के माध्यम से भू-राजस्व जमा होता था। अब बैंक खाते, यूपीआई आईडी और नेट बैंकिंग के माध्यम से भू-राजस्व जमा किया जा सकता है। भूमिस्वामी के खातों में आधार, मोबाइल नंबर और किसान किताब नंबर की प्रविष्टि यथाशीघ्र शत-प्रतिशत पूर्ण जाएगा।Chhattisgarh News: चिप्स तकनीकी एजेंसी नियुक्त
मंत्री ने कहा, कोटवारों द्वारा विक्रय की गई सेवाभूमि और कोटवारी भूमि के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। डिजिटल क्रॉप सर्वे हर मौसम में उगाये फसल का रेकॉर्ड रखने के लिए जियो टैगिंग के माध्यम से फील्ड में जाकर ही फसल सर्वेक्षण (गिरदावरी) मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा रहा है। इससे राज्य, जिला, तहसील एवं ग्राम में उगाई जाने वाली फसलों की जानकारी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा। जिससे फसलों के आयात-निर्यात, प्रधानमंत्री फसल बीमा एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए आवश्यक डाटा उपलब्ध होगी। जियो-रिफ्रेंसिंग प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजनांतर्गत राज्य के सभी राजस्व ग्रामों के पटवारी नक्शा का जियो रिफ्रेसिंग कर डाटा निर्माण किये जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके लिए चिप्स को तकनीकी एजेंसी नियुक्त किया गया है।