उधर, सबसे बड़ा खतरा पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश से लगातार बना हुआ है, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही है। कोरोना का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन चुके केरल से भी पढ़ाई, नौकरी और कारोबारी दृष्टि से लोगों का आना-जाना लगा हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीमावर्ती जिला कलेक्टरों और सीएमएचओ को अलर्ट रहने कहा है। वहीं स्वास्थ्य संचालक नीरज बंसोड़ ने प्रभारी अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उधर, रोजाना 20 हजार से अधिक टेस्ट और एक मरीज के पीछे 10 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग करने कहा गया है।
क्यों कम नहीं हो रहे मरीज?
राज्य में रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या क्यों कम नहीं हो रही? इसे लेकर विभाग का तर्क है बाकी राज्यों की तुलना में यहां 20 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। जबकि कांटेक्ट ट्रेसिंग में सामने आ रहा है कि दूसरे राज्यों की यात्रा कर लौटने वाले संक्रमित पाए जा रहे हैं। इनसे कोरोना वायरस दूसरों तक पहुंच रहा है। हालांकि यह अच्छा है कि वायरस कम प्रभावी है।
छत्तीसगढ़ से कम एक्टिव मरीज वाले राज्य
बिहार में 73, राजस्थान में 85, मध्यप्रदेश में 130, झारखंड में 142, गुजरात में 158, उत्तर प्रदेश में 191 और उत्तराखंड में 319 एक्टिव मरीज हैं। सबसे ज्यादा 237678 एक्टिव मरीज केरल उसके बाद 49812 एक्टिव मरीज महाराष्ट्र में हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में भी मरीज बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के प्रवक्ता एवं संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, मरीजों की संख्या घट-बढ़ रही है। मगर, एक्टिव मरीजों की संख्या के बढऩे की वजह मिलने वाले नए मरीजों की तुलना में भर्ती मरीजों का कम संख्या में स्वस्थ होना है। स्थिति नियंत्रण में है। सर्तकता जरुरत है।