इस दौरान तलाशी में उनके दफ्तर और घर से 3 करोड़ की नकदी, बड़ी मात्रा में ज्वेलरी, जमीन, प्रॉपर्टी, विभिन्न स्थानों में किए गए निवेश और लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं। इसमें अधिकांश खरीद-फरोख्त कैश में किया गया है। इस समय आयकर विभाग के अधिकारी लैपटाप कम्पयूटर, कैश ट्रांजेक्शन, लेनदेन, जमीन और निवेश के साथ ही निर्माण की लागत का मूल्यांकन कर रहे है। बताया जाता कि कोरोनाकाल के बाद से कारोबारी मंदी दिखाकर करोड़ों रुपए की जमीन, प्रॉपर्टी और विभिन्न स्थानों में निवेश किया गया है।
छापेमारी के लिए संयुक्त टीम कारोबारियों से सभी ठिकानों पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आयकर विभाग की 150 सदस्यीय टीम जांच कर रही है। वहीं सुरक्षा के लिए करीब 100 सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। इन सभी को छापेमारी करने सुबह 5 बजे संबंधित ठिकानों पर रवाना किया गया। पहले ही ठिकानों की रैकी कर चुके आईटी के अफसरों ने दरवाजा खटखटाकर उठाया। साथ ही उन्हें साथ ले जाकर होटल, रिसॉर्ट और रियल एस्टेट के दफ्तर और फर्म को खुलवाया। तलाशी के दौरान किसी भी कर्मचारी को दफ्तर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। केवल फर्म के संचालक और दफ्तर के प्रमुख प्रभारी को पूछताछ के लिए बुलवाया गया।
करोड़ों की जमीन और प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज बरामद तलाशी के दौरान बिल्डर और रियल इस्टेट कारोबारियों के ठिकानों में राजधानी रायपुर और उसके आसपास के इलाकों में करोड़ों रुपए की जमीन खरीदने के दस्तावेज मिले है। इनमें से अधिकांश को पिछले 3 वर्ष में खरीदी गया है। साथ ही इसमें निर्माण कर कैश में फ्लैट बेचने के इनपुट भी मिले है। इनके दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया है। साथ ही फर्म के संचालकों से पूछताछ कर उनका बयान लिया जा रहा है।
बढ़ रही बेचैनी
आईटी और ईडी लगातार जांच से छत्तीसगढ़ के कारोबारियों में बेचैनी बनी हुई है। अब तक दर्जन भर से अधिक कारोबारियों के यहां जांच चल रही है और जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जांच के दायरे में आए कारोबारियों को भी नहीं पता है कि जांच कब तक चलेगी।
आईटी और ईडी लगातार जांच से छत्तीसगढ़ के कारोबारियों में बेचैनी बनी हुई है। अब तक दर्जन भर से अधिक कारोबारियों के यहां जांच चल रही है और जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जांच के दायरे में आए कारोबारियों को भी नहीं पता है कि जांच कब तक चलेगी।