राज्य के शासकीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार और आधुनिक पढ़ाई के अनुरूप प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों के शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए योजना बनाई है। इसके लिए निष्ठा (नेशनल इनिसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांसमेंट) नाम से पोर्टल भी तैयार किया गया है। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को समान रूप से बेहतर बनाने के लिए शिक्षक अभ्यास और मूल्यांकन में मानकों की आवश्यकता है।
ये प्रशिक्षण मिलेगा गुरूजी को
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों को अधिगम सम्प्राप्ति, स्कूल आधारित आकलन, शिक्षार्थी केन्द्रित शिक्षण शास्त्र, शिक्षा में नवीन पहल तथा बहुशिक्षण शास्त्र के द्वारा विद्यार्थियों की विविधताओं के समावेशन एवं स्कूल लीडरशीप आदि विषयों की क्षमता पर एकीकृत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सबसे पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा प्रदेश में 1500 मास्टर ट्रेनरो को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा मास्टर ट्रेनर राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षकों को दिया जाएगा। शिक्षकों का इम्तहान लिया जा सके इसलिए ई-मेल आईडी बनाई जाएगी। शिक्षकों को प्रशिक्षण फेस टू फेस दिया जाएगा।
7 दिसंबर तक भेजना है शिक्षकों का नाम
जिन शिक्षको का प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ है उनका नाम 7 दिसंबर तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कार्यालय में विभागीय अधिकारियों को भेजना है। निष्ठा कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों, प्रधान पाठक, बीआरसी और सीआरसी को प्रशिक्षित किया जाएगा।
पांच चरणो में होगा प्रशिक्षण
प्रत्येक दल एक बार में 150 शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा तथा कुल पांच चरणों में 750 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। निर्देश में विभागीय अधिकारियों ने कहा कि विकास खंड में शिक्षकों की संख्या के अनुरूप राज्य स्रेात प्रशिक्षक और विकास खंड स्रोत प्रशिक्षक के दल बनाए जाएंगे। जिस विकासखंड में 750 शिक्षक है, वहां एक दल, जहां 1500 शिक्षक है वहां दो दल और जहां 1700 से 2 हजार शिक्षक है वहां तीन दलों का गठन किया जाएगा।