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रायपुर

30 सालों से के कपड़ो पर गोदना गोद रहीं छत्तीसगढ़ की दिलबसिया

फूलों से रंग बनाकर साडि़यों और दुपट्टे पर करती हैं डिजाइनिंग, गोदना (Godna Art)

रायपुरNov 04, 2017 / 03:04 pm

Deepak Sahu

Chhattisgarh Godna Artist Dilbasiya

Chhattisgarh Godna Artist Dilbasiya

सूर्यप्रताप सिंह रायपुर . छत्तीसगढ़ में शरीर पर गोदना (Godna Art)गोदने की परंपरा सदियों से है, यहां के आदिवासी लोग इसे अपना श्रृंगार मानते हैं। आज गोदना की संस्कृति धीरे-धीरे विलुप्त होने के साथ कई लोगों की कला भी समाप्त होने की कगार पर आ गई। लेकिन राज्योत्सव में एक एेसी शख्स से मुलाकात हुई जिन्होंने अपनी परंपरा को खत्म न करके उसमें बदलाव करते हुए एक नई कला को जन्म दिया। अंबिकापुर के जमगाला गांव की रहने वाली दिलबसिया पावले साडि़यों और दुपट्टों पर नेचुरल डिजाइन करकेअपने गोदना आर्ट को निखार रहीं हैं।
दिलबसिया पिछले तीस सालों से अंबिकापुर के राजपरिवार के लोगों के लिए कपड़े डिजाइन करती आ रहीं हैं। इस कार्य में अब दिलबसिया पावले की मदद उनकी बहु रामकेली पावले करती हैं। साडि़यों पर छत्तीसगढ़ी कल्चर से जुड़ी संस्कृति के चित्रों को उकेरा जाता है।
Chhattisgarh Godna Art Dilbasiya

फूलों के रंगों से करती हैं पेंटिंग
दिलबसिया और रामकेली कपड़ो पर गोदना पेंटिंग्स करने में हर्बल कलर का यूज करती हैं। इसे बनाने के लिए वे जंगलों में उगने वाले फूलों के रंग को मिक्स करके डिजाइनिंग में इस्तेमाल करती हैं। रामकेली ने बताया कि वे धमई, फरसा, खैरखसाली, रईना बकला, भेलवा आदि फूलों का प्रयोग गोदना के लिए करती हैं। इनसे बनने बाले रंग इतने पक्के होते हैं कि धोने पर भी कपड़े से नहीं निकलते। इस रंग को किसी भी कपड़े चाहे वह कॉटन हो, सिफॉन या चंदेरी सभी पर कलरिंग कर सकते हैं। इन साडि़यों की कीमत तीन हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक है।

Chhattisgarh Godna Art Dilbasiya

साथी गोदना है सबसे खास
दिलबसिया ने बताया कि आदिवासियों में गोदना सबसे प्रिये श्रृंगार माना जाता है, लेकिन सबसे खास ‘साथी गोदनाÓ को माना जाता है। इमें चारपाई डिजाइन पर कई आकृति बनी होती है। कहा जाता है कि यह गोदना मरने के बाद भी अपने साथ जाता है। इसलिए इसे साथी गोदना कहा जाता है।

एेसे बनता है रंग

काला रंग – हर्र-बहेड़ा और भेलवा
नारंगी – धवई और फरसाकत्था
– खैरखसाली और रईना बकला
नवरंगी – पलास के फूल

ये आर्ट हैं खास
पैरी गोदना
धंधा जट
कोहणा
मछली गोदना
कोला और भंवरा
माछी गोदना
फुलवारी
पोथी आदि।
ये है टीम में सदस्यदिलबसिया पावले की टीम में सुमित्रा मरकाम, सुनीता पावले, देवकी, खुशबु और अनीता रजवाड़े आदि शामिल हैं।

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