Chhattisgarh Culture And Festivals : छत्तीसगढ राज्य अपने अद्वितीय लोक कला( CG Art) एवं संस्कृति( Chhattisgarh Traditions) के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। राज्य में अनेक प्रकार के त्यौहार ( Chhattisgarh state festivals ) एवं पर्व मनाये जाते है। छत्तीसगढ़ में त्यौहार को तिहार कहा जाता है। छत्तीसगढ़ के त्योहारों में एकजुटता और सामाजिक सद्भाव की भावना का अनुभव किया जा सकता है।
रायपुर•Jun 15, 2023 / 06:18 pm•
चंदू निर्मलकर
Tajili Teej Festival: छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में सुहागिनों द्वारा पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए तीजा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। माता-पिता अपनी विवाहित बेटियों को मान-सम्मान देने के लिए मायके बुलवाते हैं। कुछ ऐसी ही परंपरा का पालन 15 दिन पहले पड़ने वाली कजली तीज ( Kajili Teej ) पर मध्य भारत एवं उत्तर भारतीय समाज की महिलाएं निभाती हैं।
Pola Festival : पोला त्योहार भादो माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बैलों का श्रृंगार कर उनकी पूजा की जाती है। बच्चे मिट्टी के बैल चलाते हैं। इस दिन बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता है।
Bhojili Festival: रक्षाबंधन के दूसरे दिन भाद्र मास की प्रतिप्रदा को यह पर्व मनाया जाता है , इस दिन लगभग एक सप्ताह पूर्व से बोये गये गेहूं , चावल आदि के पौधे रूपी भोजली को विसर्जित किया जाता है । यह मूलतः मित्रता का पर्व है इस अवसर पर भोजली का आदान – प्रदान होता है । जहाँ भोजली के गीत गाए जाते हैं । “ओ देवी गंगा , लहर तुरंगा” भोजली का प्रसिद्ध गीत है ।
Hareli Festival : हरेली( hareli) मुख्य रूप से किसानों का पर्व है , धान की बुआई बाद श्रावण मास की अमावस्या को सभी कृषि एवं लौह उपकरणों की पूजा की जाती है । यह त्यौहार छत्तीसगढ़( Chhattisgarh traditions) अंचल में प्रथम पर्व के रूप में मनाया जाता है
Cherchera Festival : छेरछेरा त्यौहार पौष माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर बच्चे नई फसल के धान माँगने के लिए घर-घर दस्तक देते है । उल्लासपूर्वक लोगों के घर जाकर ‘ छेरछेरा कोठी के धान लाकर हेरा ‘ कहकर धान माँगते हैं ।
Hindi News / Photo Gallery / Raipur / Chhattisgarh Culture : देवी-देवतओं के साथ प्रकृति का सम्मान करना सिखाते हैं छत्तीसगढ़ के परंपरिक त्यौहार , देखें photos