पहले खुदवाया बोर फिर..
अपनी मेहनत से हौसलों की उड़ान भरने वाले जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ ब्लाक के जगमहंत किसान ने बताया कि प्रदीप सिंह ठाकुर की पैत्रिक जमीन खाली पड़ी थी। बोर नहीं होने की वजह से इसमें फसल लेने लायक नहीं थी। अब किसान ने बोर कराकर जमीन को संवारने में इतनी मेहनत की कि अब उक्त भूमि में दलहन तिलहन की खेती के अलावा हरी सब्जी, खीरा, मक्का सहित कई तरह की उपज ले रहे हैं। इससे न केवल उन्हें लाखों की आमदनी हो रही है बल्कि किसानों के बीच प्रेरणश्रोत बने हुए हैं।
प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने सबसे अधिक दलहन-तिलहन की खेती की है। जिससे उन्हें अधिक आमदनी होगी। उन्होंने बताया कि वे लगातार आठ घंटे फसलों की निगरानी उन्हें कीट प्रकोप से बचाना, रासायनिक खाद का छिड़काव कर उन्हें बच्चों की तरह पालते हैं। इसके बाद फसल सही सलामत हो पाती है।
आवारा मवेशी बनी दुश्मन
किसान प्रदीप सिंह ने बताया कि यदि गांव में कांजी हाउस की सुविधा होती तो निश्चित ही उसकी आमदनी बढ़ जाती। क्योंकि गांव के आवारा मवेशी के चलते फसल नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि गांव में शासन की नरवा घुरूवा बारी योजना के तहत गोठान का निर्माण किया गया है लेकिन गोठान के मवेशियों को लोग बदमाशी करते हुए रात को छोड़ देते हैं। जिसके चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।