नए कृषि कानूनों पर CM ने दी चुनौती: MSP से कम पर खरीदी ना होने की गारंटी दें PM, कोई आंदोलन नहीं होगा
– नए कृषि कानूनों (new agricultural bill APMC) पर रार: प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चुनौती- कांग्रेस के किसान-मजदूर बचाओ वर्चुअल रैली में बोल रहे थे मुख्यमंत्री- कहा-हम छत्तीसगढ़ के किसानों को बचाने के लिए बनाएंगे नया कानून
रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कृषि संबंधी कानूनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चुनौती दी है। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने की गारंटी दे दें, कोई किसान आंदोलन नहीं करेगा। मुख्यमंत्री कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन के सामने हुई किसान-मजदूर बचाओ वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, खरीदी चाहे वह मंडी के भीतर हो या मंडी के बाहर हो। केंंद्र सरकार ने जो समर्थन मूल्य तय किया है उससे कम पर खरीदी नहीं होगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कानून में इसकी व्यवस्था करके बता दें। मैं देश भर के किसानों की ओर से कह रहा हूं किसान इसके खिलाफ कोई आंदोलन नहीं करेगा। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे।
ऋचा जोगी के बचाव में उतरी BJP ने कहा, अजीत जोगी की जाति पर कांग्रेस ने आपत्ति नहीं की थी, फिर अब क्यों? मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो बात कहते हैं, ठीक उसका उल्टा होता है। नोटबंदी-जीएसटी की बात की। बड़े-बड़े दावे किए। इससे आम आदमी और छोटा व्यापारी परेशान हुआ। अब यह काला कानून आया है। दावा कर रहे हैं कि यह किसानों को फायदा पहुंचाएगा, लेकिन यह कानून केवल व्यापारियों के फायदे के लिए लाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, इन काले कानूनों का असर छत्तीसगढ़ के किसानों पर नहीं पड़ने दिया जाएगा। इसके लिए नये कानून के लिए अध्ययन चल रहा है। अधिकारी लगे हुए हैं। मंत्री उसे देख रहे हैं। जिस दिन तैयार हो गया। विधानसभा का सत्र बुलाकर पारित कराएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, यह कानून बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। आज हम दिल्ली की सरकार के खिलाफ खड़े नहीं हुए तो देश को बर्बाद होने से रोक नहीं पाएंगे।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, इसके जरिए छत्तीसगढ़ की धान खरीदी को रोकने की कोशिश हुई है। सभा को प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, गहमंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद फूलोदेवी नेताम, वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू ने भी संबोधित किया।
गर्मी में धान की जगह दलहन-तिलहन लगाएं मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा, नई व्यवस्था में दलहन-तिलहन का दाम बढ़ने वाला है। धान के बजाय गर्मी की फसल में दलहन-तिलहन ज्यादा से ज्यादा बोना होगा। ताकि दाम बढ़े तो छत्तीसगढ़ पर उसका असर न पड़े।
प्रदेश भाजपा को भी दिया जवाब मुख्यमंत्री ने प्रदेश भाजपा को भी जवाब दिया। कहा, हम प्रति एकड़ 20 क्विंटल से अधिक धान खरीदने को तैयार हैं। रमन सिंह बताएं, पांच साल पहले 10 क्विंटल खरीदने की बात किसने की थी। बोनस नहीं दिया। ऐसे लोग किस मुंह से सवाल कर रहे हैं। हम पूरा दाम एक साथ दे देते लेकिन पहले यह बताएं कि वहां केंद्र में हमारा पैसा रोककर क्यों बैठे हैं। 4 हजार करोड़ तो जीएसटी का ही बकाया है।
अकबर ने स्वीकार की साय की चुनौती वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, उन्हें कृषि कानूनों पर बहस के लिए भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय की चुनौती स्वीकार है। वे समय, तिथि और स्थान तय कर लें। मैं बहस के लिए तैयार हूं। मोहम्मद अकबर ने कहा, भाजपा लाख दावा करे कि मंडी खत्म नहीं होगी, लेकिन 2 प्रतिशत मंडी शुल्क बचाने के लिए व्यापारी मंडी नहीं जाएगा। ऐसे में मंडी व्यवस्था अपने आप खत्म हो जाएगी। सहकारी बैंकों का अस्तित्व भी खतरे में है।
पुनिया बोले, अडानी-अंबानी के यहां बना है कानून का ड्राफ्ट एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा, इस कानून के लिए किसानों से कोई राय नहीं ली गई। किसी किसान संगठन ने ऐसे कानून की मांग नहीं की थी। प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री का भी खेती का कोई व्यक्तिगत अनुभव नहीं है। दरअसल, इसका ड्राफ्ट अडानी-अंबानी के यहां बना और संसद में पेश कर दिया गया। इनकी मंशा है कि आपकी उपज बड़े व्यापारी खरीदकर डंप करेंगे। बाद में अभाव पैदा कर उंचे दाम पर बेचेंगे।
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