भारत के पर्यटन नक्शे में उभरकर आएगा रामगढ़
स्वामी विवेकानंद के विचारों का भी स्वामी आत्मानंद पर गहरा असर हुआ, जिससे उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया। मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि उन्होंने अकाल पीडि़तों की सेवा और राहत काम के लिए खर्च कर दी। स्वामी आत्मानंद ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केंद्र की स्थापना की। उन्होंने आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबुझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। नारायणपुर में वनवासी सेवा केंद्र प्रारंभ कर वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने के प्रयास किए।
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सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आत्मानंद जी ने पीडि़त मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उनके मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्पद हैं। उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ सरकार आगे बढ़ रही है। जिला मुख्यालयों और विकासखंडों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिन्दी मीडियम स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। जिससे गरीब और दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आगे बढऩे के सभी अवसर उपलब्ध हो सके।
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