रायपुर

रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को छत्तीसगढ़ में किया साकार

स्वामी आत्मानंद ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में की उच्च स्तरीय शिक्षा केंद्र की स्थापना
स्वामी आत्मानंद की जयंती पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया नमन

रायपुरOct 06, 2021 / 01:58 am

Anupam Rajvaidya

रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को छत्तीसगढ़ में किया साकार

रायपुर. स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को स्वामी आत्मानंद ने छत्तीसगढ़ की जमीन पर साकार किया और मानव सेवा व शिक्षा संस्कार की अलख जगाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद की जयंती 6 अक्टूबर पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद का एक समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में छत्तीसगढ़ में बड़ा योगदान हैं।

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स्वामी विवेकानंद के विचारों का भी स्वामी आत्मानंद पर गहरा असर हुआ, जिससे उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया। मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि उन्होंने अकाल पीडि़तों की सेवा और राहत काम के लिए खर्च कर दी। स्वामी आत्मानंद ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केंद्र की स्थापना की। उन्होंने आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबुझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। नारायणपुर में वनवासी सेवा केंद्र प्रारंभ कर वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने के प्रयास किए।
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सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आत्मानंद जी ने पीडि़त मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उनके मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्पद हैं। उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ सरकार आगे बढ़ रही है। जिला मुख्यालयों और विकासखंडों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिन्दी मीडियम स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। जिससे गरीब और दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आगे बढऩे के सभी अवसर उपलब्ध हो सके।
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