मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल रात यहां संपादकों को बजट पर अनौपचारिक चर्चा के दौरान यह जानकारी देते हुए बताया कि शुरूआती तौर पर इस योजना के लिए बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।लोगो को सेवा से जुड़े विभिन्न प्रमाण पत्रों, जरूरी कागजातों की प्रमाणित प्रतियों को हासिल करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है।
बघेल ने बताया कि इस योजना को सरकार पब्लिक पाटर्नरशिप में शुरू किया जायेंगा। इसके लिए आवेदक को कुछ शुल्क देना होगा। योजना के तहत कार्यरत कार्यकर्ताओं के मोबाइल नम्बर जारी होंगे,उनसे फोन पर सम्पर्क कर लोग उन्हे पहले से तय समय पर अपने घर पर बुला सकेंगे। कार्यकर्ता आवेदन के साथ आवश्यक कागजात की आवेदक के घर ही मोबाइल पर फोटो ले लेंगे और बाद में उनके घर पर ही जाकर प्रमाणपत्र उपलब्ध करवायेंगे।