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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सभी मंत्रियों के नामों की घोषणा एक साथ नहीं होगी। जाति व क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान रखकर एक साथ सभी मंत्रियों की घोषणा में मुश्किल हो सकती है, इसलिए मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम के अलावा एक-दो मंत्री ही शपथ लेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। यह भी पढ़ें
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देखिए संभावित नाम उपमुख्यमंत्री- अरुण साव गृह, जेल, विधि विधायी कार्य विभाग।
इसलिए बनाएंगे : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। साफ-सुथरी छवि है। उपमुख्यमंत्री- विजय शर्मा ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग।
इसलिए बनाएंगे : युवा चेहरा है। संगठन में अच्छी पकड़ है। हिंदुवादी नेता बनकर उभरे हैं।
अजय चंद्राकर – वाणिज्यिक कर विभाग, राजस्व एवं आपदा प्रबंधक पुनर्वास।वजह : मुखर नेताओं में गिनती होती है। प्रशासनिक पकड़ अच्छी है। धरमलाल कौशिक – कृषि व जलसंसाधन विभागवजह: संगठन में पकड़ अच्छी है। वरिष्ठ नेता हैं। पूर्व में भी बड़ी जिम्मेदारी निभाई है।
डोमन लाल कोर्सेवाड़ा – स्कूल शिक्षा, आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग।वजह: अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। वरिष्ठ नेता है। दुर्ग संभाग में ज्यादा चेहरे नहीं है। केदार कश्यप – पंचायत व ग्रामीण विकास, वन-जलवायु परिवर्तन, आवास-पर्यावरण, धार्मिक न्यास। वजह : संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कार्य का पुराना अनुभव भी है।
लता उसेंडी – महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण विभाग।वजह : बस्तर में महिला आदिवासी चेहरा है। पूर्व में भी मंत्री रही हैं। अभी राष्ट्रीय उपाध्याय हैं।
लता उसेंडी – महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण विभाग।वजह : बस्तर में महिला आदिवासी चेहरा है। पूर्व में भी मंत्री रही हैं। अभी राष्ट्रीय उपाध्याय हैं।
ओपी चौधरी – उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, खेल-युवा कल्याण विभाग।वजह: पूर्व आईएएस। संगठन में भी काम किया है। शीर्ष नेतृत्व की भी पसंद हैं। रेणुका सिंह – लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन।वजह : सांसद के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री रही हैं। मुख्यमंत्री की दौड़ में थीं।