सबसे बड़ा उलटफेर तो उपमुख्यमंत्रियों के विभागों में देखने को मिला है। कहने को तो प्रदेश मे दो उपमुख्यमंत्री हैं लेकिन जैसे कि परंपरा है कि गृह विभाग पाने वाला मुख्यमंत्री के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे ताकतवर मंत्री होता है उसके अनुसार उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा गृह एवं जेल सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों के साथ नंबर टू की भूमिका में होंगे। उपमुख्यमंत्री अरुण साव, जो विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश अध्यक्ष रहे और मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल थे, उन्हें घोषित अघोषित तौर पर नंबर तीन माना जाएगा।
देखिए किसे क्या मिला – विष्णुदेव साय (मुख्यमंत्री) – सामान्य प्रशासन, खनिज साधन, ऊर्जा, जनसम्पर्क, वाणिज्य कर (आबकारी), परिवहन एवं अन्य विभाग जो न हो अरुण साव (उपमुख्यमंत्री) – लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य एवं नगरीय प्रशासन
विजय शर्मा (उपमुख्यमंत्री) – गृह एवं जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी बृहमोहन अग्रवाल (मंत्री) – स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति
रामविचार नेताम (मंत्री) – आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण दयाल दास बघेल (मंत्री) – खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण केदार कश्यप (मंत्री) – वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता
लखनलाल देवांगन (मंत्री) – वाणिज्य और उद्योग, श्रम श्याम बिहारी जायसवाल (मंत्री) – लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन ओ पी चौधरी (मंत्री) – वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी
लक्ष्मी राजवाड़े (मंत्री) – महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण टंक राम वर्मा (मंत्री) – खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन
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