सूत्रों के मुताबिक 13 जनवरी को भाजपा ने किसानों के मुद्दों को लेकर विधानसभावार धरना दिया था। २२ जनवरी को जिला स्तर पर भी इससे बड़े आंदोलन की तैयारी थी। आंदोलन लगभग एक जैसे ही हो रहे थे। यही वजह है कि शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान तय किया गया कि हर जिले में जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में आंदोलन होगा। जिला प्रभारी, विधायक अपने-अपने जिलों में आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। राजधानी में प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी शामिल होंगी।
किसानों को परेशान न करें कांग्रेस: रमन
बैठक के बाद डॉ. रमन ने कहा कि कांग्रेस किसानों का ऐसा उत्थान न करे कि वे परेशान हों। बारदाना दे नहीं पा रहे, बोनस दे नहीं पा रहे। पहले इन सबकी व्यवस्था तो सरकार करे।
बैठक के बाद डॉ. रमन ने कहा कि कांग्रेस किसानों का ऐसा उत्थान न करे कि वे परेशान हों। बारदाना दे नहीं पा रहे, बोनस दे नहीं पा रहे। पहले इन सबकी व्यवस्था तो सरकार करे।
कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद बदलाव
3 कृषि कानून को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेसियों ने राजभवन का घेराव किया। कांग्रेसी काफी उग्र दिखे। सूत्रों की मानें तो भाजपा ने इस प्रदर्शन के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया है। एक तरफ कांग्रेस किसानों के लिए केंद्र द्वारा लगाए गए 3 कानूनों का विरोध कर रही है तो भाजपा राज्य में सरकार की नीतियों को किसान विरोधी करार देकर आंदोलनरत है।
3 कृषि कानून को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेसियों ने राजभवन का घेराव किया। कांग्रेसी काफी उग्र दिखे। सूत्रों की मानें तो भाजपा ने इस प्रदर्शन के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया है। एक तरफ कांग्रेस किसानों के लिए केंद्र द्वारा लगाए गए 3 कानूनों का विरोध कर रही है तो भाजपा राज्य में सरकार की नीतियों को किसान विरोधी करार देकर आंदोलनरत है।