कीमतें बढ़ी तो 80 फीसदी ग्राहकों ने प्याज से मुंह मोड़ा, इसलिए 65 रुपए वाला प्याज थोक में 50 रुपए
उन्होंने कहा, अगर, केंद्र सरकार एक राष्ट्र, एक बाजार की बात कहती है तो एक कीमत भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, संशोधित कानून पारित हो गया है। अब राज्यपाल हस्ताक्षर करेंगी या नहीं यह उनका अधिकार है। विधेयक पारित होने के साथ विधानसभा का दो दिवसीय सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। मंडी अधिनियम में इससे पहले 5 बार वर्ष 2006, 2007, 2011, 2017 और 2018 में संशोधन हो चुका है।रमन बोले- संशोधन विधेयक ही असंवैधानिक
इससे पहले विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Chhattisgarh Former CM Raman Singh) ने कहा, यह राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए लाया गया विधेयक है। क्योंकि नियम कहता है कि जब कोई कानून केंद्र बना चुका होता है, उस पर राज्य कानून नहीं बना सकता। जब तक राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल जाती, यह प्रभावी होगा ही नहीं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार को एमएसपी की चिंता नहीं है, इसलिए तो इस संशोधन विधेयक में इसका कोई जिक्र नहीं है।
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केंद्र के कानून से टकराव जैसी स्थिति नहीं
कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने सबसे अंत में सभी सवालों के जवाब देते हुए कहा कि विधेयक में संशोधन, केंद्र के कानून से टकराव नहीं है। किसानों को अपना अनाज बेचने के अवसर मिलें। उन्हें दूर न जाना पड़े और गड़बड़ी करने वालों के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है।
छत्तीसगढ़ के विधेयक में यह संशोधन
– निजी मंडियों को डीम्ड मंडी घोषित किया जाएगा।
– राज्य सरकार के अधिसूचित अधिकारी को मंडी की जांच का अधिकार।
– अनाज की आवाजाही निरीक्षण में जब्ती और भंडारण की तलाशी का अधिकार।
– मंडी समिति और अधिकारियों पर वाद दायर करने का अधिकार।
– इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन भुगतान संचालन राज्य सरकार में बने नियम से होगा।
– जानकारी छिपाने और गलत जानकारी देने पर 3 की सजा या 5 हजार जुर्माना का प्रावधान दूसरी बार गलती पर छह माह की सजा और 10 हजार जुर्माना किया जाएगा।