रायपुर

इस प्रत्याशी का चुनाव हारने के बाद हुआ था भव्य स्वागत, तौला गया था सिक्कों और धान से

चुनाव में हार के बाद किसी प्रत्याशी का जोरदार स्वागत हो। यह बात अटपटी जरूर है, लेकिन एेसा वाकया 1988 के एक उप चुनाव में हुआ जब हारे हुए प्रत्याशी का भव्य स्वागत हुआ।

रायपुरNov 10, 2018 / 08:20 pm

Ashish Gupta

इस प्रत्याशी का चुनाव हारने के बाद हुआ था भव्य स्वागत, तौला गया था सिक्कों और धान से

रायपुर. तत्कालीन मध्यप्रदेश के समय खरसिया विधानसभा का उप चुनाव काफी सुर्खियों में रहा था। यहां 1988 में हुए उप चुनाव में दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने कांग्रेस के वरिष्ठ दिवंगत नेता अर्जुन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि जूदेव यह चुनाव हार गए थे, लेकिन चुनाव हारने के बाद जगह-जगह उनका भव्य स्वागत हुआ था। उन्हें सिक्कों और धान से तौला गया था। भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री संतोष पाण्डेय बताते हैं कि उस समय का चुनाव काफी दिलचस्प था।
उस दौरान सत्ता पक्ष की धमक थी। प्रचार करने गए पार्टी के कार्यकर्ताओं को रूकने की जगह नहीं मिलती थी। जैसे-तैसे कार्यकर्ता वहां प्रचार करते थे। चुनाव परिणाम जूदेव के खिलाफ आया, लेकिन उनकी आभार रैली ने सभी का दिल जीत लिया। उनका कहना है मध्यप्रदेश के कई जिलों और गांवों में जूदेव का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया था। इस चुनाव के बाद सभी ने जूदेव का हाथों हाथ लिया। मालूम हो कि 1949 को जन्मे दिलीप सिंह जूदेव की छवि एक कट्टर हिंदू नेता के तौर पर थी। 1975 में जशपुर नगरपालिका से अध्यक्ष बन कर सत्ता की राजनीति में आए थे।
दिलीप सिंह जूदेव का संबंध जशपुर राजघराने से था। जब गाड़ी से गिरने लगे आलू-प्याजदिवंगत जूदेव के लिए प्रचार का जिम्मा वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित अन्य नेताओं को मिला था। संतोष पाण्डेय बताते हैं कि वे लोग कवर्धा से जीप में सवार होकर खरसिया के लिए निकले थे। रास्ते में एक ट्रक से प्याज की बोरी गिरी।
हम लोगों ने जीप रोककर प्याज की बोरी गाड़ी में डाल ली। थोड़ा आगे जाने पर आलू की बोरी भी गिरी। इसे भी उठाने के बाद डॉक्टर साहब ने ड्राइवर को गाड़ी तेज चलाने को कहा। आगे जाकर जैसे-तैसे ट्रक को रोका और आलू-प्याज वापस किया। विधानसभा क्षेत्र पहुंचे तो डॉक्टर साहब ने प्रचार के साथ-साथ इलाज भी शुरू कर दिया था।

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