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खुलासा होते ही घोटाले के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने आपको बचाने के लिए भाग-दौड़ शुरू कर दी है। कार्यक्रम के खर्च से जुड़े दस्तावेजों के गायब होने का मामला आला अधिकारियों तक भी पहुंच गया है। मामले में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक ने सोसायटी के परियोजना संचालक को एफआईआर कराने के साथ ही पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।सीजी सैक में लक्षित हस्तक्षेप परियोजना अंतर्गत कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रशिक्षण सह समीक्षा बैठक के आयोजन के लिए 1 लाख 33 हजार 905 रुपए खर्च किया गया था। 4 जनवरी को कराए गए कार्यक्रम के लिए 97 हजार 34 रुपए पंडरी स्थित एक होटल, स्टेशनरी के लिए 7500 रुपए और 29 हजार 370 रुपए खुद के नाम से चेक के जरिए भुगतान किया गया। भुगतान के लिए 16 मई 2018 को चेक क्रमांक (450893) जारी किया गया। दोबारा फिर 6 जुलाई 2018 को चेक क्रमांक (450908) के जरिए इतनी ही राशि का आहरण किया गया। यह राशि विभाग के ही 3 अधिकारियों के खाते में बराबर-बराबर (44 हजार 635 रुपए) बांट ली थी। इस तरह एक ही कार्यक्रम के 1 लाख 33 हजार 905 रुपए आहरित किया गया।
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शोकॉज नोटिसघोटाले से जुड़े कुछ दस्तावेज आला अधिकारियों तक पहुंच गए हैं। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने घोटाले में संलिप्त तीन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। हालांकि अधिकारियों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर फायनेंस को मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है।
सचिव ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले से जुड़ी फाइल विभाग से गायब हो गई है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
डॉ. आरके सहानी, परियोजना संचालक, छत्तीसगढ़ एड्स कंट्रोल सोसायटी